ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद लखनऊ विजिलेंस सक्रिय हुआ है। ट्विन टावर मामले में विजिलेंस ने प्राधिकरण से रिकॉर्ड मांगा है। लखनऊ विजिलेंस ने नोएडा प्राधिकरण पहुंचकर मामले की जानकारी ली। नक्शों से जुड़ी जानकारी देने के लिए प्राधिकरण ने समय मांगा है। नक्शों से जुड़ी जानकारी देने के लिए प्राधिकरण ने 2 दिन का समय मांगा है। विजिलेंस ने करीब 11 महीने पहले प्राधिकरण की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया था। एफआईआर एस आई टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर 4 अक्तूबर 2021 को कराई गई थी। एफआईआर में 24 अधिकारियों के अलावा बिल्डर के 4 पदाधिकारी बनाए गए थे आरोप। अधिकारियों में प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ मोहिंदर सिंह का नाम था।
एस के द्विवेदी, ओ एस डी यशपाल समेत अन्य अधिकारियों का भी था। एफआईआर दर्ज होने के बाद से अभी तक कोई करवाई शुरू नहीं की गई थी। और न ही किसी से पूछताछ की गई थी। विजिलेंस नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पहुंची नियोजन विभाग से कुछ जानकारियों के साथ चार नक्शे मांगे हैं। ट्विन टावर और एमराल्ड कोर्ट के लेआउट से जुड़े 4 नक्शे मांगे हैं।
28 अगस्त को गिरा दिए गए थे टावर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गत 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे लगभग 100 मीटर ऊंचे इन टॉवर को विध्वंशक लगाकर ढहा दिया गया था। इसकी तैयारी पिछले कई हफ़्तों से की जा रही थी। जैसे-जैसे ब्लास्टिंग का दिन अर्थात 28 अगस्त नजदीक आ रहा था, वैसे-वैसे लोगों की धड़कन तेज होती जा रही थी। खासकर ट्विन टावर के आस-पास रहने वाले लोगों की। प्रशासन ने आस-पास इलाका ब्लास्ट से कई घटों पहले ही खाली करा लिया था, लेकिन उन्हें नुकसान की आशंका लगी हुई थी।
रविवार की दोपहर 2:30 बजे ट्विन टावर में ब्लास्ट किया गया और कुतुबमीनार से भी उंची पल भर में जमींदोज कर दी गईं। प्रशासन की तरफ से कहा गया कि ब्लास्ट से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट में सामने आया कि पास ही की एक बिल्डिंग के एक फ़्लैट में दरार आई है। ब्लास्टिंग के बाद एक गगनचुम्बी ईमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई।