Highlights
- ज्ञानवापी मामले में तारिक फतह का बड़ा बयान
- ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है, बल्की वह मंदिर था: तारिक फतह
- चोरी की जमीन पर मस्जिद बनाना इस्लाम में उचित नहीं है: तारिक फतह
Tariq Fateh on Gyanvapi: ज्ञानवापी विवाद पर पाकिस्तान मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतह ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि- 'कुरान में एक बड़ी ही साफ लाइन है कि सच बोलो। चाहे उसके लिए जान भी क्यों न चली जाए। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्थर की ठोस संरचना को जो फव्वारा बता रहे हैं, वे यह बताएं कि 400 साल पहले वह कैसे बना। तब तो फ्लैट जमीन में फव्वारा बनाने की तकनीक भी नहीं थी? इबादत के लिए झूठ क्यों बोल रहे हैं? जो भाईचारा चाहते हैं, वह अपना दिल बड़ा करें। सब जानते हैं कि अपने भाइयों के कातिल और बाप को जेल में डालने वाले औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी।'
औरंगजेब एक आक्रांता था- तारिक फतह
आगे उन्होंने कहा कि-' हमारा दिल बहुत अच्छे से जानता है कि क्या सही है और क्या गलत है? कई बातें ऐसी भी होती हैं, जो हमारे धर्म में नहीं होती है। ऐसे में हम अपने दिल की सही बात को सुनें और सच का साथ दें। औरंगजेब एक आक्रांता था, उसका गुणगान नहीं होना चाहिए। बाबर का भला हिंदुस्तान से क्या ताल्लुक है? न वह यहां पैदा हुआ और न यहां मरा। बल्कि जाते-जाते मंदिर तोड़कर एक ऐसी मस्जिद बना गया जिसके लिए लोग पांच-छह सौ साल तक लड़ते रहे। अंत में हुआ क्या, जो जिसका था वह उसे फिर वापस मिल गया।'
ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है, बल्कि वह मंदिर था- तारिक फतह
तारिक फतह ने कहा कि औरंगजेब ने कितने मुसलमानों को मारा, क्या यह मुस्लिमों को नहीं पता है। कई मौलाना साहब लोग कहते हैं कि औरंगजेब हमारा वली है। ऐसा भला कैसे हो सकता है? अवैध कब्जा करके या चोरी की जमीन पर मस्जिद बनाना इस्लाम में उचित नहीं है। ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है, बल्की वह मंदिर था। इसलिए जो जिसका है वह उसे सौंप देना चाहिए।