Highlights
- तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत एस गोखले ने दाखिल की थी RTI
- RTI के जवाब में ASI ने कहा- तहखानों में हिंदू देवी- देवताओं की मूर्ति नहीं है
- ताजमहल की जमीन पर मंदिर नहीं होने का सबूत मांगा तो ASI ने लिखा NO
Taj Mahal: ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों और मंदिर के दावे पर RTI में बड़ा खुलासा हुआ है। ये RTI 20 जून को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत एस गोखले ने दाखिल की थी। अब भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने इसका जवाब दिया है। ASI ने ताजमहल में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों के होने से इनकार किया है और यह भी कहा है कि ताजमहल किसी मंदिर की जमीन पर नहीं बना।
साकेत एस गोखले ने पहले सवाल में ताजमहल की जमीन पर मंदिर नहीं होने का सबूत मांगा था। दूसरे सवाल में उन्होंने तहखानों के 20 कमरों में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्ति से जुड़ी बात पूछी थी। इस आरटीआई के पहले सवाल के जवाब में ASI ने एक शब्द में 'नो' लिखा है। दूसरे सवाल के जवाब में कहा है कि तहखानों में हिंदू देवी- देवताओं की मूर्ति नहीं है।
भाजपा नेता ने कोर्ट में दायर की थी ताजमहल के दरवाजे खोलने की याचिका
भाजपा के अयोध्या मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह ने 7 मई को कोर्ट में याचिका दायर कर ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की मांग की थी। उन्होंने इन कमरों में हिंदू-देवी-देवताओं की मूर्ति होने की आशंका जताई थी। उनका कहना था कि इन बंद कमरों को खोलकर इसका रहस्य दुनिया के सामने लाना चाहिए।
याचिकाकर्ता रजनीश सिंह ने इस मामले में राज्य सरकार से एक समिति गठित करने की मांग की थी। इसके बाद से ही देश में ताजमहल के कमरों के रहस्यों को लेकर एक नई बहस छिड़ी गई थी। वहीं, इतिहासकारों का कहना है कि ताजमहल विश्व विरासत है। इसे धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए।
मूर्तियों की बात को भारतीय पुरातत्व विभाग ने पहले भी नकारा
इससे पहले भी हिंदू संगठनों ने ताजमहल में हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति के होने का दावा किया था। तब भी भारतीय पुरातत्व विभाग ने मूर्तियों के होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि कई हिंदू संगठनों ने समय-समय पर ये दावा किया है कि ताजमहल, पहले एक मंदिर था। वहीं कई हिंदू संगठन इसमें हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों के होने का दावा भी कर चुके हैं। यहां बता दें कि इंडिया टीवी ऐसे किसी दावे की पुष्टि नहीं करता।