लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। नई सरकार के आकार लेने से पहले भाजपा के विधायक दल की बैठक 24 मार्च को लोकभवन में होगी। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और रघुवर दास मौजूद रहेंगे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ को औपचारिक रूप से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। फिर 25 मार्च की शाम चार बजे अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में योगी सरकार का भव्य शपथ ग्रहण समारोह होगा।
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह 23 मार्च को लखनऊ पहुंचेंगे। जहां वो केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर 24 मार्च को होने वाली विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में योगी आदित्यनाथ को औपचारिक रूप से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। सभी विधायक उनके नाम पर सहमति जताएंगे और फिर 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे।
शपथग्रहण के लिए 50 हजार अतिथियों को निमंत्रण
उत्तर प्रदेश में सरकार गठन के लिए गृहमंत्री अमित शाह पर्यवेक्षक और बीजेपी उपाध्यक्ष रघुवर दास सह पर्यवेक्षक बनाया गया है। माना जा रहा है 24 तारीख को होने वाली विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगने के साथ ही डिप्टी सीएम को लेकर भी कोई फैसला हो सकता है। इसके बाद 25 मार्च को लखनऊ में शहीद पथ पर स्थित इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसकी तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। योगी आदित्यनाथ के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह के लिए करीब 50 हजार अतिथियों को निमंत्रण दिया गया है।
सोनिया, मुलायम, अखिलेश सहित विपक्ष के अन्य नेताओं को भी आमंत्रण
योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के भी कई बड़े नेताओं को न्योता दिया जा सकता है। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव समेत बसपा प्रमुख मायावती जैसे बड़े नेताओं का नाम शामिल है। शपथ ग्रहण समारोह शाम 4 बजे से शुरू होगा। इसके साथ ही यहां पर 10 हजार मेहमानों के रुकने की व्यवस्था भी की गई है।
हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 255 सीटें हासिल की है। पिछले 37 साल में ये पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री 5 साल का पूरा कार्यकाल करने के बाद एक बार फिर से सत्ता में आए हैं।