लखनऊ: विपक्ष ने मंगलवार को संसद में पेश 2022-23 के आम बजट के लिए सरकार को आड़े हाथ लिया है। तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, किसानों और दलितों के साथ विश्वासघात किया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और रामचरितमानस पर अपने बयानों को लेकर हाल ही में चर्चा में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा है कि सरकार का बजट दिखाता है कि वह गरीबों की दुश्मन है।
‘बजट बहुत ही निराशाजनक है’
बजट की आलोचना करते हुए मौर्य ने कहा, ‘बजट बहुत निराशाजनक है। सिर्फ लोक-लुभावने वादे हैं और कुछ नहीं है। मोदी ने रोजगार के बड़े-बड़े वादे किये थे। रोजगार की तो बात ही छोड़ दीजिए, बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है देश में। महिलाओं, दलितों और पिछड़ों का भी इस बजट में ख्याल नहीं रखा गया। महिला सुरक्षा का भी कोई प्रावधान नहीं किया, बल्कि महिला संरक्षण में बजट भी कटौती कर दी।’ मौर्य ने कहा कि इस सरकार ने पिछड़े, अल्पसंख्यक दलित समाज को दी जाने वाली स्कॉलरशिप भी खत्म कर दी।
‘यह सरकार गरीबों की दुश्मन है’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि कल्याण के मुद्दे पर भी इस सरकार को घेरने की कोशिश की। मौर्य ने कहा, ‘शिक्षा, स्वास्थ, कृषि कल्याण, यूरिया सब्सिडी के बजट में भारी कटौती की गई है। मनरेगा बजट में 33 फीसदी की कटौती करी है। यह सरकार गरीबों की दुश्मन है।’ मौर्य ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार ने ये भी कहा था कि 2022 तक सभी को आवास दे देंगे, और हो सकता है 2024 के चुनावी वर्ष में वे आवास देने का ड्रामा भी करें।