Highlights
- सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ सकती है।
- अगर ट्विन टावर को जल्द से जल्द नहीं गिराया गया तो खतरा बढ़ सकता है।
- स्ट्रक्चरल एनालिसिस रिपोर्ट को छोड़कर बाकी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं।
Supertech Twin Towers: उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तकनीकी कारणों के चलते 21 अगस्त को होने वाले ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण में देरी हो सकती है। एडिफिस कंपनी ने अथॉरिटी को अपनी अंतिम रिपोर्ट भेज दी है और उसे टावर को गिराने में देरी से होने वाले नतीजों के बारे में चेताया भी है। एडीफिस कंपनी के मुताबिक, 28 अगस्त तक इस बिल्डिंग को गिराना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि अब यह धीरे-धीरे कमजोर हो रही है।
‘टावर जल्द नहीं गिराया गया तो बढ़ेगा खतरा’
कंपनी का कहना है कि अगर ट्विन टावर को जल्द से जल्द नहीं गिराया गया तो खतरा बढ़ सकता है। CBRI की तरफ से अभी अथॉरिटी को अंतिम क्लीयरेंस नहीं मिला है जिसके चलते एडिफिस कंपनी अभी विस्फोटक नहीं लगा रही है। क्लीयरेंस मिलने की तारीख के बाद एडिफिस कंपनी को पूरे तरीके से इन ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने में करीब 17 दिन लगेंगे। अगर तय समय में CBRI की NOC नहीं मिलती है तो ट्विन टावर को ढहाने की तारीख आगे बढ़ सकती है, हालांकि एजेंसी की तरफ से इन्हें गिराने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
100 करोड़ रुपये का बीमा भी करवाया गया
पुलिस ने इमारत में विस्फोटक लगाने के लिए एनओसी जारी कर दी है। आसपास की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचने की सूरत में 100 करोड़ रुपये का इंश्योरेंस भी कराया गया है। पलवल की मैसेज सोलर एक्सप्लोजिव एजेंसी से विस्फोटक नोएडा लाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। CBRI को 15 अगस्त तक सौंपी जाने वाली स्ट्रक्चरल एनालिसिस रिपोर्ट को छोड़कर अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं।
मियाद खत्म हुई तो किसी काम के नहीं होंगे विस्फोटक
टावरों में चैन लिंक्स, जियोटेक्सटाइल क्लॉथ के साथ कॉलम की रैपिंग का काम पूरा किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि गर्मी, हवा और बारिश के कारण टावरों को नुकसान पहुंचने की संभावना है। टावर के बेसमेंट 2 में बने इंपैक्ट कुशन बारिश का पानी रुकने के कारण निकल सकते हैं। इन कुशंस को विस्फोट के दौरान कंपन रोकने के लिए लगाया गया है। बता दें कि टावरों को गिराने के लिए निर्मित विस्फोटक की सेल्फ लाइफ सीमित होती है। मियाद खत्म होने के बाद ये विस्फोटक किसी काम के नहीं रहेंगे।