Highlights
- किसान से जुड़े मुद्दे को सरकार के सामने उठाने पर करेंगे मंथन
- मोर्चा से अलग हुए 16 संगठनों को भी बैठक में बुलाया गया है
- एमएसपी को लेकर आंदोलन की रणनीति पर हो सकती है चर्चा
SKM Meeting In Ghaziabad: तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से ज्यादा समय तक चले आंदोलन, कानून वापसी के बाद और केंद्र सरकार की ओर से किसानों के प्रस्ताव मान लिए जाने के बाद से स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, अब एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम अपनी गतिविधियां तेज करने की तैयारी कर रहा है। किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर एसकेएम फिर से आंदोलन करने की तैयारी में है। इसे लेकर योजना पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्च ने कल यानी 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बैठक बुलाई है। इस बैठक में मोर्चा से जुड़े सदस्य शिरकत करेंगे।
MSP की गारंटी पर सरकार का रुख
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कल होने वाली बैठक में इस बात पर चर्चा करेंगे कि आने वाले समय में किसान से जुड़े मुद्दे को सरकार के सामने किस तरह से उठाया जाए और इसका समाधान कराया जाए। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में एक साल से ज्यादा समय तक चले आंदोलन के खत्म होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की गितिविधियां शांत हो गई थीं। संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन के बाद नए कानूनों को रद्द करने के बाद केंद्र सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को भी माना गया था कि एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने पर भी विचार किया जाएगा। तब केंद्र सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि एमएसपी की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए जो कमेटी बनाई जाएगी, उसमें किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने अब तक इस दिशा में कुछ खास पहल नहीं की है।
30 संगठनों ने अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ा
कल गाजियाबाद की बैठक में एसकेएम के पदाधिकारी अब एमएसपी को लेकर आंदोलन की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। वहीं, एसकेएम की बैठक के एजेंडे में उन संगठनों की मोर्चा में वापसी भी शामलि है, जो पंजाब विधानसभा चुनाव के वक्त अलग हो गए थे। बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के समय करीब 30 संगठनों ने अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ा था।
'16 जत्थेबंदियों को दोबार SKM में लाने का प्रस्ताव'
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और एसकेएम के प्रमुख नेता राकेश टिकैट ने इसे लेकर कहा है कि जिन्होंने चुनाव के वक्त अपने संगठनों को हमसे अलग किया था, उनमें से 16 जत्थेबंदियों को रविवार की बैठक में दोबार संयुक्त किसान मोर्च में लाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि ये ऐसे संगठन हैं, जिन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ा था, बल्कि सिर्फ चुनाव लड़ने वालों का समर्थन किया था।
बैठक में मोर्चा की एक कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव है
इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा इसे लेकर भी विचार कर रहा है कि जो संगठन इसमें शामिल होते हैं, उनके लिए क्या नियम हों। वहीं, कल होने वाली बैठक में संयुक्त किसान मोर्च की एक कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव है, जो इस मोर्चा से जुड़े लोगों और किसान संगठनों के लिए नियम-कायदे निर्धारित करेगी।