Highlights
- मेरठ में महिला को तीन तलाक देने का मामला आया सामने
- पति समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज
- महिला ने प्रताड़ना का भी लगाया आरोप
Triple Talaq in UP: तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को बचाने के लिए भले ही नए कानून से इसे काफी हद तक महिलाओं को सुरक्षित करने का काम किया गया हो, बावजूद इसके मामले पूरी तरह थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। यूपी के मेरठ में तीन तलाक का बेहद संवेदनहीन मामला सामने आया है। जहां महिला को आरोपी पति ने न सिर्फ तीन तलाक दिया, बल्कि इससे पहले उसका सिर मुंड़वाया और फिर मारापीटा। बाद में तीन तलाक देकर घर से भगा दिया। महिला के साथ प्रताड़ना की यह दास्तान कई महीनों से चल रही थी। शिकायतकर्ता के अनुसार उसके साथ हो रहे इस जुर्म में सभी ससुरालीजन भी शामिल थे। अब मामले में एएसपी मेरठ के निर्देश पर पति समेत पांच लोगों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र का है मामला
महिला के अनुसार उसके साथ तीन-चार महीने से पति और ससुरालीजन जुर्म कर रहे थे। कई बार उसकी पिटाई भी की गई थी। लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र निवासी इस महिला का निकाह अभी दो वर्ष पहले ही हुआ था। आरोप है कि पति बुलेट की मांग कर उसके साथ मारपीट कर रहा था। सात जून को भी उसके साथ मारपीट और जबरदस्ती की गई थी। इस दौरान जबरन महिला का मूड़ भी मुड़वा दिया गया था। इसके बाद महिला को मायके भगा दिया। बाद में पंचायत के माध्यम से किसी तरह मामले को सुलझाया गया। दोबारा लौटने पर पति ने फिर से उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। 14 अगस्त को दोबारा मारापीटा और अपशब्द बोलते हुए तीन तलाक कहकर घर से भगा दिया। तभी वह मायके वालों के साथ थाने गई, लेकिन तब मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद एएसपी का दरवाजा खटखटाया। अब कंकरखेड़ा पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सीओ अरविंद के अनुसार तहरीर में महिला ने बाल काटने का जिक्र नहीं किया है। तीन तलाक, दहेज मांगने और उत्पीड़न के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पति समेत अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। महिला ने ससुराली जनों पर क्रूरता की हदें पार करने का आरोप लगाया है।
क्या है तीन तलाक
मुसलमानों में महिलाओं को पहले एक बार में तीन बार तलाक-तलाक और तलाक बोलकर निकाह विच्छेद कर देने की प्रथा रही है। इससे मुस्लिम महिलाएं जुर्म की शिकार हो रही थी। कई बार विदेश में बैठे उनके पति फोन पर या पत्र में तीन बार तलाक लिखकर निकाह तोड़ लेते थे। फिर दोबार निकाह करने के लिए महिलाओं को हलाला (किसी गैर पुरुष से शारीरिक संबंध बनाने) के लिए मजबूर किया जाता था। इसके बाद ही दोबारा निकाह होता था। मगर अब केंद्र सरकार ने इस कानून में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण संशोधन कर दिए हैं। इससे तीन तलाक के मामलों में अचानक 80 फीसद तक की कई दर्ज कराई गई है।
तीन तलाक संशोधन विधेयक
तीन तलाक में संशोधन को के अनुसार कोई पुरुष किसी महिला को एक साथ तीन बार तलाक नहीं बोल सकता। इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ऐसा करना गैर जमानती अपराध है। इसमें मजिस्ट्रेट आरोपी को तभी जमानत दे सकेगा जब महिलआ मुआवजे पर राजी हो। अगर पीड़ित महिला या परिवार शिकायत देता है तो तीन तलाक का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसमें छोटे बच्चों को मां के पास रखा जाएगा। फोन और पत्र के माध्यम से बोला हुआ तीन तलाक मान्य नहीं होगा।