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कितना बदल गया बाबा का धाम, तस्वीरों में देखिए काशी विश्वनाथ की भव्यता

रानी अहिल्याबाई ने 352 साल पहले काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। फिर महाराजा रणजीत सिंह ने बाबा विश्वनाथ के मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़वाई थी और अब 2021 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण पूरा हुआ है जिससे मंदिर परिसर का नजारा अद्भुत हो गया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 13, 2021 11:46 IST
See the grandeur of Kashi Vishwanath in pictures
Image Source : TWITTER काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट ने बाबा विश्वनाथ के धाम की सूरत ही बदल दी है।

Highlights

  • काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट ने बाबा विश्वनाथ के धाम की सूरत ही बदल दी है।
  • श्रद्धालु रुद्र वन यानी रुद्राक्ष के पेड़ों के बीच से होकर बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन करने पहुंचेंगे।
  • रानी अहिल्याबाई ने 352 साल पहले काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।

Kashi Vishwanath Corridor: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट ने बाबा विश्वनाथ के धाम की सूरत ही बदल दी है। अब गंगा किनारे वाराणसी के पुराने घाटों से सीधे बाबा विश्‍वनाथ तक पहुंचा जा सकेगा। सात तरह के पत्‍थरों से विश्‍वनाथ धाम को सजाया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालु रुद्र वन यानी रुद्राक्ष के पेड़ों के बीच से होकर बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन करने पहुंचेंगे। पहले बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाने के लिए संकीर्ण गलियों से होकर गुजरना पड़ता था लेकिन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद इस परिसर का नजारा बहुत भव्य हो गया है।

रानी अहिल्याबाई ने 352 साल पहले काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। फिर महाराजा रणजीत सिंह ने बाबा विश्वनाथ के मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़वाई थी और अब 2021 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण पूरा हुआ है जिससे मंदिर परिसर का नजारा अद्भुत हो गया है। काशी विश्‍वनाथ धाम कॉरिडोर 50 हजार वर्गमीटर में बना है। इसे रेकॉर्ड 21 महीनों में तैयार किया गया है। निर्माण पर 700 करोड़ रुपये खर्च हुए।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट ने बाबा विश्वनाथ के धाम की सूरत ही बदल दी है।

Image Source : PTI
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट ने बाबा विश्वनाथ के धाम की सूरत ही बदल दी है।

बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्‍नान के बाद धाम के चौक तक पहुंचने के लिए 80 सीढ़‍ियां चढ़नी होंगी। जो सीढ़‍ियां नहीं चढ़ सकते, उनके लिए एस्‍केलेटेर की व्‍यवस्‍था भी है। काशी विश्‍वनाथ धाम का चौक मां गंगा की लहरों से 22 मीटर की ऊंचाई पर बना है।

339 करोड़ की लागत से धाम के लिए खरीदे गए 300 भवन

Image Source : PTI
339 करोड़ की लागत से धाम के लिए खरीदे गए 300 भवन

विश्‍वनाथ मंदिर से गंगा तट का 400 मीटर में बना है धाम

Image Source : ANI
विश्‍वनाथ मंदिर से गंगा तट का 400 मीटर में बना है धाम

चुनार के बलुआ पत्‍थर के अलावा सात प्रकार के लगे हैं पत्‍थर

Image Source : TWITTER
चुनार के बलुआ पत्‍थर के अलावा सात प्रकार के लगे हैं पत्‍थर

भूकंप और भूस्‍खलन से बचाने को पत्‍थरों को जोड़ा गया है पीतल की प्‍लेटों से

Image Source : TWITTER
भूकंप और भूस्‍खलन से बचाने को पत्‍थरों को जोड़ा गया है पीतल की प्‍लेटों से

5.43 करोड़ रुपये से हाईटेक सुरक्षा व्‍यवस्‍था

Image Source : TWITTER
5.43 करोड़ रुपये से हाईटेक सुरक्षा व्‍यवस्‍था

इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से नियंत्रण, मंदिर व आसपास चार स्‍तरीय सुरक्षा व्‍यवस्‍था

Image Source : PTI
इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से नियंत्रण, मंदिर व आसपास चार स्‍तरीय सुरक्षा व्‍यवस्‍था

चुनार के बलुआ पत्‍थर के अलावा सात प्रकार के लगे हैं पत्‍थर, मकराना के दूधिया मार्बल से फ्लोरिंग

Image Source : ANI
चुनार के बलुआ पत्‍थर के अलावा सात प्रकार के लगे हैं पत्‍थर, मकराना के दूधिया मार्बल से फ्लोरिंग

एयर सर्विलांस सिस्‍टम से आकाश में निगरानी, भूकंप और भूस्‍खलन से बचाने को पत्‍थरों को जोड़ा गया है पीतल की प्‍लेटों से

Image Source : ANI
एयर सर्विलांस सिस्‍टम से आकाश में निगरानी, भूकंप और भूस्‍खलन से बचाने को पत्‍थरों को जोड़ा गया है पीतल की प्‍लेटों से

बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर करीब सवा 5 लाख स्कवायर फीट में बनाया गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए सैकड़ों घरों का अधिग्रहण किया गया। इस दौरान विरोध भी हुआ लेकिन आखिकार सरकार को सफलता मिली।

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