Highlights
- कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा
- 45 प्रांतों के प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक बैठक में शामिल
- वार्षिक योजना की भी समीक्षा होगी
RSS Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हर साल होने वाली अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक प्रयागराज में आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई है। ये बैठक 16 से 19 अक्टूबर 2022 तक चलेगी। इसमें जनसंख्या असंतुलन समेत कई मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होगी। 4 दिनों तक चलने वाली इस बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। आज हुई बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले समेत संघ के सभी प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए। बता दें कि बैठक में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत 3 दिन पहले ही प्रयागराज आ चुके हैं।
45 प्रांतों के प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक बैठक में शामिल
अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल में संघ रचना के सभी 45 प्रांतों के प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और सभी सह सरकार्यवाह एवं अन्य अखिल भारतीय अधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सदस्य भी उपस्थित है।
वार्षिक योजना की भी समीक्षा होगी
बैठक में इसी मार्च में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में बनी वार्षिक योजना की समीक्षा होगी और संघ कार्य के विस्तार का फीड बैक भी लिया जाएगा। साथ ही देश में वर्तमान समय में चल रहे माहौल से संबंधित गंभीर विषयों पर चर्चा होगी। बैठक में संघ के विजयादशमी उत्सव पर सरसंघचालक के उद्बोधन के महत्वपूर्ण विषयों के अनुवर्तन पर भी चर्चा होगी। इस बैठक में कई विषयों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाता है।
इसके साथ ही संघ कार्य विस्तार की योजना, संघ शिक्षा वर्ग, योजना ,सरसंघचालक के विजयादशमी उत्सव में आए मुद्दों के संबंध में भी चर्चा की जाएगी। साथ ही जनसंख्या असंतुलन, महिला सहभागिता, मातृभाषा में शिक्षा, समाज के सभी वर्गों से संवाद आदि के संबंध में प्रमुखता से की चर्चा की जाएगी। संघ की कार्यकारिणी मंडल के जितने भी सदस्य हैं, सभी यहां पर पहुंच चुके हैं। हर साल मार्च में संघ के कार्य की योजना बनाता है, जो प्रतिनिधि सभा में योजना बनाता है उसकी समीक्षा इस बैठक में की जाएगी।
2024 चुनाव के लिए जमीन तैयार करने पर फोकस
बैठक में वैसे तो कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होनी है, लेकिन सबसे अहम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार करने की रणनीति तैयार करने की होगी। इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने के मौके पर साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की जाएगी। इसके साथ ही उन सभी मुद्दों पर जैसे जनसंख्या का संतुलन, सामाजिक समरसता, अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समुदाय को संघ से नजदीक लाना, महिला सशक्तिकरण, मातृभाषा में कामकाज और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए मुद्दे शामिल है। इसके अलावा कुछ अन्य मुद्दे भी प्रस्ताव के तौर पर बैठक में सामने लाए जा सकते हैं।
हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संघ का पूरा फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए मजबूत सियासी जमीन तैयार करनी है। इसके तहत 3 बातों पर खास फोकस किया जाना है, जिसमें सबसे पहला है महिलाओं का सशक्तिकरण कर उन्हें संघ सरकार व बीजेपी के करीब लाना। दूसरा है जातियों में बटे हिंदू समाज को राष्ट्रवाद के नाम पर इकट्ठा करना और हिंदुत्ववादी व राष्ट्रवादी विचारधारा वाली पार्टी के करीब लाना। तीसरा सबसे अहम मुद्दा है मुसलमानों में संघ और बीजेपी के प्रति फैले भ्रम को दूर कर उनसे सीधे तौर पर संवाद स्थापित करना। माना यह जा रहा है कि संघ की तरफ से बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक होगा।