Highlights
- गांव के तालाब में ग्रामीणों ने बनाए थे पक्के मकान
- शिकायत पर कार्रवाई करने पहुंचे थे एसडीएम
- शख्स खुद बोला- साहब मेरा मकान तोड़ दीजिए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रामपुर में शाहबाद तहसील क्षेत्र के मित्तरपुर गांव स्थित तालाब में ग्रामीणों ने पक्के मकानों निर्माण कर लिया था। इस बाबत मित्तरपुर में तालाब की नपाई करने गए एसडीएम से एक ग्रामीण खुद बोला कि साहब मेरा मकान तालाब की ज़मीन पर है, तोड़ दीजिए। एक शिकायत के आधार पर एसडीएम अशोक कुमार चौधरी ने तालाब की पैमाइश (नपाई) शुरू करा दी है। एसडीम ने बताया कि अभी पैमाइश की शुरुआत की गई है। तालाब के अंतर्गत जितने मकान आएंगे उन सभी को नोटिस देकर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के दौरान जब एसडीएम जब गांव में गए तो शिकायतकर्ता का मकान भी वहीं बना पाया गया। तब एसडीएम ने शिकायतकर्ता से पूछा कि आपका भी मकान तालाब में है, जब टूटेगा तो आपका भी टूटेगा। तो जवाब में युवक ने कहा कि पहले मेरे से घर से शुरू करना। उसके बाद एसडीएम ने वहां मौजूद तहसील टीम में लेखपाल को लताड़ लगाई। नाराज एसडीएम ने तुरंत लेखपाल को हटाने के निर्देश भी दिए।
एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि ये पूरा मामला शाहाबाद तहसील के मित्तरपुर गांव का है। गांव के ही एहसान नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी कि तालाब की ज़मीन पर प्रधान अपना मकान बनाए हुए है। एसडीएम ने बताया कि जब तालाब पहुंचे तो वहां प्रधान पुराना मकान तोड़कर अपना नया मकान बना रहा था। तालाब की ज़मीन थी इसलिए एसडीएम अशोक ने काम रुकवा दिया।
लोगों ने बताया कि शिकायतकर्ता का मकान भी इसी गाटा संख्या में आता है। शिकायतकर्ता भी वही मौजूद था। जब उससे पूछा गया कि तुम्हारा मकान भी इसमें आता है, तो जब गिरेगा तो तुम्हारा भी गिरेगा। तो शिकायतकर्ता ने कहा, "जब सबका गिरेगा तो मेरा भी गिरा देना मुझे कोई आपत्ति नहीं है।"