Highlights
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में अराजकता का कोई स्थान नहीं है।
- योगी ने कहा कि पिछले दिनों रामनवमी के जश्न के दौरान कहीं कोई विवाद की स्थिति पैदा नहीं हुई।
लखनऊ: हिंदुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक रामनवमी पर देश के कई हिस्सों से सांप्रदायिक झड़प और तनाव वाली खबरें आई थीं। हालांकि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में यह त्योहार शांतिपूर्वक बीत गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी सिलसिले में बुधवार को कहा कि राज्य में अराजकता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों रामनवमी के जश्न के दौरान कहीं कोई विवाद की स्थिति पैदा नहीं हुई।
‘कोई तू तू-मैं मैं नहीं हुई, दंगे-फसाद की बात तो दूर है’
मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा, ‘अभी परसों रामनवमी की तिथि थी। 25 करोड़ आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है। 800 स्थानों पर रामनवमी की शोभायात्रा भी थी और जुलूस भी निकाले गए और साथ-साथ इस समय रमजान का महीना भी चल रहा है और रोजा इफ्तार के कार्यक्रम भी रहे होंगे, मगर कहीं भी कोई तू तू-मैं मैं नहीं हुई, दंगे फसाद की बात तो दूर है। इससे जाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश में अब विकास की नई सोच पैदा हो गई है और अराजकता दंगों और अफवाहों का कोई स्थान नहीं है। रामनवमी पर उत्तर प्रदेश ने इसे साबित भी किया है।’
मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में हुई थी हिंसा
योगी का यह बयान पिछले दिनों मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में रामनवमी एवं नव संवत्सर के अवसर पर निकाले गए जुलूस के दौरान 2 समुदायों के बीच हुई हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी के जुलूस के दौरान कथित रूप से भड़काऊ हरकत होने के बाद जुलूस पर पथराव हुआ था, जिसके बाद वहां हिंसा फैल गई थी। इस मामले में अब तक करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी तरह गुजरात के हिम्मतनगर कस्बे में भी गत रविवार को रामनवमी के जश्न के दौरान हिंसा हुई थी।
राजस्थान के करौली में लगाना पड़ा कर्फ्यू
वहीं, राजस्थान के करौली में नव संवत्सर के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी, जिसके बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा। करौली में हालात इस कदर बेकाबू हो गए थे कि कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। राजस्थान बीजेपी इस मसले को लेकर गहलोत सरकार पर हमलावर है और उसके ऊपर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है।