Monday, December 23, 2024
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गोरखपुर पहुंची शालिग्राम शिलाओं पर फूलों की बारिश, अयोध्या धाम के लिए रवाना; भव्य तस्वीरें आई सामने

नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए 6 करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गए थे और इनके गुरुवार को अयोध्या पहुंचने की संभावना है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Feb 01, 2023 17:46 IST, Updated : Feb 01, 2023 17:46 IST
Shaligram stones
Image Source : TWITTER शालिग्राम शिलाएं

गोरखपुर: नेपाल के पोखरा से अयोध्या जा रही दो पवित्र शालिग्राम शिलाएं मंगलवार देर रात गोरखनाथ मंदिर पहुंची, जहां भारी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने फूलों की बारिश कर पटाखे फोड़े और जय श्री राम के नारे लगा कर स्वागत किया। दो ट्रकों में जा रही इन पवित्र शिलाओं को मंगलवार की रात गोरखनाथ मंदिर परिसर में विश्राम कराया गया। देवीपाटन मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ, देवीपाटन मंदिर तुलसीपुर महंत योगी मिथिलेशनाथ और अन्य के पूजा-अर्चना के बाद बुधवार सुबह करीब पौने 3 बजे अयोध्या के लिए शिलाएं रवाना की गईं।

Shaligram stones

Image Source : PTI
शालिग्राम शिलाओं का स्वागत

रथ के शहर में पहुंचते ही हुई फूलों की बारिश

कुशीनगर के रास्ते शहर में प्रवेश करने से लेकर गोरखनाथ मंदिर पहुंचने तक श्रद्धालुओं द्वारा सभी चौक-चौराहों पर पुष्पवर्षा की गई। रथ पूरी सादगी के साथ रात्रि विश्राम के लिए गोरखनाथ मंदिर पहुंचा। मंदिर परिसर में प्रधान पुजारी श्री योगी कमलनाथ जी द्वारा विधि-विधान से पूजन के बाद आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया।

Shaligram stones

Image Source : TWITTER
गोरखनाथ मंदिर में शिलाओं का स्वागत

6 करोड़ साल पुरानी हैं ये शिलाएं
नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से "मोक्ष का स्थान") के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए 6 करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गए थे और इनके गुरुवार को अयोध्या पहुंचने की संभावना है।

Shaligram stones

Image Source : TWITTER
शालिग्राम शिलाओं की पूजा अर्चना

बता दें कि इन शिलाओं से श्रीरामजन्म भूमि मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान श्रीराम के बाल्य स्वरूप और माता सीता के विग्रह निर्माण में करने का निर्णय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने लिया है। मूर्ति निर्माण के दौरान शिला की कटाई-छंटाई से निकलने वाले कणों का विग्रह निर्माण में ही समुचित प्रयोग किया जाएगा।

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Image Source : TWITTER
शालिग्राम शिलाओं के दर्शन को आतुर हुए श्रद्धालु

एक शिला का वजन 26 टन, दूसरी का 14 टन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने पहले बताया था, 'ये शालिग्राम शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं। विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी। एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है। इस पत्थर पर उकेरी गयी भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जो अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक बनकर तैयार हो जाएगा।

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