लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य के तीन और जिलों में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू कर दी गई है। योगी कैबिनेट ने यह फैसला लिया है। अब आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद में भी कमिश्नरेट व्यवस्था लागू हो गई है।
प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर और कानपुर में पहले से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। तीन और जिलों के जुड़ने के साथ अब राज्य के कुल 7 जिलों में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू हो गई है। कानून-व्यवस्था के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है।
क्या होती है पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था
ज्यादा आबादी वाले जिलों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस व्यवस्था को लागू किया जाता है। इन जिलों में पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति की जाती है। पुलिस कमिश्नर को अतिरिक्त जिम्मेदारियों के साथ कुछ मजिस्ट्रियल पावर भी दिए जाते हैं। देश के कई राज्यों के अलावा दुनिया के कई देशों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का सबसे प्रभावी माध्यम माना गया है। वर्ष 1983 में जारी छठी नेशनल पुलिस कमीशन की रिपोर्ट में भी 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले महानगरों के लिए इस व्यवस्था को जरूरी बताया गया था।
इस व्यवस्था के अंतर्गत पुलिस और कानून व्यवस्था की सारी शक्तियां पुलिस कमिश्नर में निहित होती हैं। पुलिस कमिश्नर ही एकीकृत पुलिस कमान का प्रमुख होता है। पुलिस कमिश्नर अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपने फैसलों के लिए राज्य सरकार के प्रति उत्तरदायी होता है। इस व्यवस्था में सीआरपीसी के कुछ मामलों में अंतिम फैसला लेने का अधिकार पुलिस कमिश्नर को दिया जाता है।