Highlights
- 5 नदियों को जोड़कर बना है प्रोजेक्ट, बलरामपुर में उद्घाटन
- 9800 करोड़ के नहर प्रोजेक्ट से पूर्वांचल के 7 जिलों को फायदा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के सबसी बड़ी नहर परियोजना का उद्घाटन किया। पूर्वांचल की पांच नदियों को जोड़कर तैयार किया गया ये सरयू नहर प्रोजेक्ट पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था। सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत समेत अन्य लोगों को लेकर कहा कि ये देश के लिए बड़ी क्षति है। सीडीएस रावत ने सेना को आत्मनिर्भर बनाया।
प्रोजेक्ट के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने ये कहते हुए इस प्रोजेक्ट की अहमयित बताई, कि जो प्रोजेक्ट 4 दशक से रुका पड़ा था, उसे हमने 4 साल में पूरा कर दिखाया। ये पूरा प्रोजेक्ट 9800 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है, जो यूपी के 7 जिलों के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी दोपहर करीब 1 बजे बलराम पुर पहुंचेंगे। प्रोजेक्ट के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी एक रैली को भी संबोधित करेंगे।
4 दशक से अधूरा प्रोजेक्ट, 4 साल में पूरा
सरयू नहर नेशनल प्रोजेक्ट के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर पिछली सरकारों पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, ''आपको जानकर हैरानी होगी कि सरयू नहर प्रोजेक्ट पर काम 1978 में शुरू हुआ था लेकिन 4 दशकों तक ये परियोजना पूरी नहीं हुई। खर्च बढ़ता गया और लोगों की परेशानी भी बढ़ी। 4 दशक से अधूरे प्रोजेक्ट को हमने 4 साल में पूरा किया है।''
मतलब ये कि आज यूपी को खासकर सात जिलों के 29 लाख लोगों को वो तोहफा मिल जाएगा, जिसका इंतजार वो 40 साल से कर रहे थे। यूपी विधान सभा चुनाव से पहले ये पीएम की तरफ से बड़ा तोहफा माना जा रहा है। पहले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, उसके बाद काशी कॉरिडोर और अब सरयू नहर प्रोजेक्ट। इस प्रोजेक्ट से सिंचाई के लिहाज से 29 लाख किसानों को फायदा मिलेगा।
यूपी के लिए क्यों वरदान है सरयू नहर प्रोजेक्ट?
जिस प्रोजेक्ट का पीएम मोदी बलरामपुर में आज उद्घाटन करने वाले हैं वो 9 हजार 800 सौ करोड़ का प्रोजेक्ट है, जिसमें 4 साल में 4 हजार 600 सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इससे 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी और 29 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। प्रोजेक्ट में घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन नदियों को जोड़ा गया है। इसमें 318 किमी लंबी मुख्य नहर और 6 हजार 600 सौ किलोमीटर लिंक नहर बनाए गए हैं। पीएमओ के मुताबिक ये प्रोजेक्ट 1978 में शुरू किया गया था और 2015 तक अधूरा रहा। 2016 में इस प्रोजेक्ट को पीएम मोदी ने कृषि सिंचाई योजना में डाला और इसके काम में तेजी आई।
पीएम मोदी खेती किसानी और इसके लिए आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने को लोकतंत्र की बुनियाद की मजबूती मानते हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी अमेरिका के डेमोक्रेसी समिट को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने लोकतंत्र की इसी मजबूती के लिए दुनिया के देशों से साथ आने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक तकनीक और नए माध्यमों को नियंत्रित करने के लिए आज सबसे ज्यादा जरूरत है एक अंतरराष्ट्रीय मानक की।