Highlights
- बीती रात को भी सोसाइटी वालों ने कैंडल मार्च निकाला था
- डॉग लवर्स भी कुत्तों के पकड़ने का विरोध कर रहे हैं
Noida News: नोएडा की लोटस बुलेवर्ड सोसायटी में एक साल के बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोच डाला था। सर्जरी के बाद भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। तब से लेकर अब तक संग्राम लगातार जारी है। एक तरफ सोसाइटी वासी कह रहे है कि जब तक सोसाइटी से सारे कुत्ते नहीं पकड़े जाएंगे वो विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। इसको लेकर बीती रात को भी सोसाइटी वालों ने कैंडल मार्च निकाला था। इस मामले में डॉग लवर्स भी कुत्तों के पकड़ने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो कुत्ते लोगों को काट रहे हैं उनको तो पकड़ा नहीं जा रहा है बल्कि दूसरे स्ट्रीट डॉग को पकड़कर अथॉरिटी के लोग डॉग शेल्टर में भेज रहे हैं।
बीते मंगलवार को इस मामले में सोसाइटी के लोगों ने हंगामा करते हुए सड़क जाम की थी। बीती रात भी सोसाइटी के लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया था।
प्रशासन, प्राधिकरण या आम लोग कौन है इस घटना का जिम्मेदार?
आवारा कुत्तों की समस्या कोई पहली बार सामने नहीं आई है। इससे पहले भी कई सोसाइटियों में इस तरीके की समस्या आ चुकी है। हजारों लोग आवारा कुत्तों का शिकार हो चुके हैं और नोएडा की सड़कों पर हजारों आवारा कुत्ते लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। बावजूद इसके नोएडा अथॉरिटी यह कहती जरूर नजर आती है कि वह स्ट्रीट डॉग्स के लिए डॉग शेल्टर्स बनाएगी उनको रखने और उनको खिलाने पिलाने वालों को पूरा इंतजाम करके दिया जाएगा लेकिन ग्राउंड जीरो पर यह तस्वीर बिल्कुल अलग दिखाई देती है। नोएडा में कुछ एनजीओ है जिन्होंने अपने खर्चें से स्ट्रीट डॉग्स के लिए डॉग शेल्टर बनाए हुए हैं। उनके अलावा अभी किसी तरीके का कोई भी स्ट्रीट डॉग को रखने का आश्रय दिखाई नहीं देता है। प्राधिकरण की टीम भी जहां शिकायत मिलती है, वहां जाकर उन आवारा कुत्तों को पकड़ती है। उनकी नसबंदी कराती है लेकिन फिर उन्हें वहीं पर दोबारा छोड़ देती है।
क्या कहते हैं सोसाइटी के लोग?
लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी के रहने वाले विकास जैन का कहना है कि जितने भी डॉग लवर है उनके यहां स्ट्रीट डॉग्स को भेज देना चाहिए। जिसका बच्चा जाता है उसे पता होता है कि बच्चे का लालन पालन कैसे किया जाता है। बता दें नोएडा में इस घटना के बाद से कई और सोसाइटी वालों ने भी प्राधिकरण से डिमांड की है उनके यहां से स्ट्रीट डॉग्स को हटाया जाए।
नोएडा की अब कई सोसाइटी में स्ट्रीट डॉग को हटाने की मांग होने लगी है। जेपी अमन सोसाइटी में भी स्ट्रीट डॉग्स को हटाने की डिमांड जोर पकड़ रही है। सेक्टर 151 में बने जेपी अमन सोसाइटी में 26 टावर और 4200 फ्लैट बने हुए है। इसमें 2000 से ज्यादा परिवार रह रहे है। जेपी के एओए के सदस्य ने बताया कि सोसायटी में महीने में तीन से चार केस डॉग बाइट के आते हैं। उन्होंने बताया कि सोसाइटी में फीडिंग प्वाइंट बना हुआ है लेकिन लोग टावर के नीचे ही डॉग्स को रोटी देते है जिससे लोगों को टावर में जाने में दिक्कत होती है।