पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुलिस प्रशासन में कई बड़े फेरबदल किए। नए प्रशासनिक बदलाव के तहत कई जिलों में IPS अधिकारियों का ट्रांसफर किया है। सरकार ने नए आदेश के बाद वाराणसी, आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, अयोध्या, मथुरा, लखनऊ, बहराइच और प्रयागराज सहित विभिन्न जिलों से 16 IPS अधिकारियों का तबादला हुआ है।
आज संभाल ली नोएडा कमिश्नर पद की जिम्मेदारी
इसी क्रम में प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में शामिल गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह का ट्रांसफर कर मुख्यालय (लखनऊ) में जिम्मेदारी दी गई। वहीं उनकी जगह जिले में IPS लक्ष्मी सिंह को गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने आज बुधवार को पदभार भी ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि, यहां बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी काम करती हैं। उनकी सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी है। जिले में महिलाओं की सुरक्षा उनकी पहली जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही नोएडा पुलिस आम लोगों के साथ मिलकर, उनसे संपर्क बढ़ाकर बेहतर पुलिसिंग की जाएगी।
कौन हैं नोएडा की नई पुलिस कमिश्नर ?
लक्ष्मी सिंह ने पदभार संभालते ही एक रिकॉर्ड बना दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में वे पहली महिला पुलिस अधिकारी बन गई है जो किसी जिले की पुलिस कमिश्नर बनी हों। इससे पहले वो लखनऊ रेंज की IG पद पर तैनात थीं। लक्ष्मी सिंह को बेहद तर्रार पुलिस अधिकारियों में शुमार किया जाता है। अपने शानदार प्रदर्शन और जिम्मेदारी का इमानदारी से निर्वहन करने के लिए IPS लक्ष्मी सिंह को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
पीएम की तरफ से मिल चुका है सिल्वर बेटन
सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान लक्ष्मी सिंह बेस्ट प्रोबेशनर घोषित की गई थी। 2000 बैच की आइपीएस लक्ष्मी सिंह को प्रधानमंत्री की ओर से सिल्वर बेटन मिल चुका है। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से उन्हें पुरस्कार स्वरूप 9 एमएम की एक पिस्टल भी मिली है। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय पीटीएस मेरठ को भारत में नंबर वन संस्थान घोषित करते हुए 2 लाख रुपये का इनाम भी दे चुका है।
कई जिलों बतौर SP-SSP दे चुकी सेवाएं
IPS अधिकारी लक्ष्मी सिंह अब तक कार्यकाल के दौरान कई जिलों में जिला पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। वह इससे पहले वाराणसी के साथ-साथ चित्रकूट, गोंडा, फर्रुखाबाद, बागपत और बुलंदशहर में बतौर एसपी और एसएसपी तैनात रही हैं। इसके साथ ही माफिया और संगठित अपराध के खिलाफ जोरदार मुहिम चलाकर कई बार चर्चा में आईं।
कानपुर विकास दुबे कांड की समेत कई मामलों की जांच
आपको कानपुर का बिकरु कांड याद होगा। उस समय विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों ने पुलिस के कई जवानों को मार दिया था। जिसके बाद सामने आया था कि पुलिस विभाग के कई कर्मचारी विकास दुबे से मिले हुए थे। तब योगी सरकार ने इस कांड की जांच लक्ष्मी सिंह को ही सौंपी थी। हाल ही में उन्नाव जिले में खेत में रस्सी से बंधी हुई मिली तीन लड़कियों का केस दोनों की जांच की जिम्मेदारी लक्ष्मी सिंह ने बखूबी निभाई और उन्नाव केस में अभियुक्तों को तीन दिन के अंदर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।