Highlights
- अभी तक नहीं लग पाया वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट
- गाजियाबाद और नोएडा के पानी का टीडीएस ज्यादा
- टीडीएस 50 से लेकर 150 तक होना चाहिए
Noida-Ghaziabad News: दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा का पानी वैसे ही इतना साफ नहीं होता। हर घर में वॉटर प्यूरीफायर लगाने की जरूरत होती है। इसी बीच खबर यह है कि अब नोएडा की 20 लाख जनता को 20 दिनों तक गंगा जल सप्लाई वाला पानी अब 20 दिनों तक नहीं मिलेगा। हर साल यही स्थिति बनती है। लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई स्थाई हल नहीं निकाला जा सका है।
अभी तक नहीं लग पाया वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट
गाजियाबाद और नोएडा के कई सेक्टरों की करीब 20 लाख जनता को गंगा जल पानी की सप्लाई की जाती है। इस बार लोगों को दिवाली में भी गंगा सप्लाई वॉटर नहीं मिलेगा जिसके कारण आम जनता परेशान रहेगी। हर साल गंगा नहर की सफाई होने के कारण लगभग 1 महीने की यह परेशानी लोगों को झेलनी पड़ती है लेकिन इसका कोई ठोस उपाय आज तक न गाजियाबाद प्रशासन और न ही नोएडा प्रशासन की तरफ से निकाला गया। वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की बात जरूर की गई, टेंडर कई बार निकाले गए लेकिन हुआ कुछ नहीं।
सबसे ज्यादा राजस्व नोएडा और गाजियाबाद से, पर मूलभूत सुविधा ही नसीब नहीं
उत्तर प्रदेश का शो विंडो नोएडा और गाजियाबाद, सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले जिले हैं। बावजूद इसके यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं से जूझती दिखाई देती है। जिसमें स्वच्छ पीने के पानी की किल्लत साफ देखी जा सकती है। जब लोगों को साफ पीने का पानी ही नहीं मिलेगा तो उन्हें कई तरीके के परेशानियों से रूबरू होना पड़ेगा।
क्यों है नोएडा का पानी इतना दूषित
गाजियाबाद और नोएडा के कई सेक्टर ऐसे हैं जिन्हें आज तक गंगा जल सप्लाई वाटर मिला ही नहीं। यहां का पानी इतना दूषित होने के पीछे कारण यह है कि यहां पर पानी का टीडीएस इतना ज्यादा है कि अगर आप उसे पी लें तो आप तुरंत बीमार पड़ जाएंगे। अस्पताल में आपको एडमिट होने तक की नौबत आ सकती है। नोएडा के सेक्टर 93 में पानी का टीडीएस 1400 से ऊपर रहता है। जबकि विशेषज्ञों की मानें तो पानी का टीडीएस 50 से लेकर 150 तक होना चाहिए। तभी वह पानी पीने योग्य होता है। यह हाल सिर्फ नोएडा के सेक्टर 93 का नहीं है, यह हाल नोएडा के बहुत सारे सेक्टर्स का है। जहां लोग मूलभूत सुविधा जो कि पानी है उसके लिए जूझ रहे हैं। लोग पानी का बिल भी भरते हैं पैसे भी जमा करते हैं, लेकिन उन्हें स्वच्छ पानी पीने को नसीब नहीं होता।
क्यों बंद होती है गंगाजल की सप्लाई
हर साल दशहरे के समय गंगाजल की सप्लाई प्रभावित होती है। इस समय नहर में सिल्ट की सफाई के लिए नहर को बंद कर दिया जाता है और बाकायदा एक नोटिस जारी होता है कि कब से लेकर कब तक यह नहर बंद रहेगी। अमूमन छठ पूजा के आसपास नहर में पानी छोड़ा जाता है। हर साल बरसात के बाद पहाड़ों से आने वाले रेत मलबे इत्यादि को रोकने के लिए नहर को बंद किया जाता है। ऐसा न होने की स्थिति में मशीनरी भी खराब होने का डर रहता है। कई बार नहर में अत्यधिक गाद होने से गंगाजल प्लांट तक को बंद कर देना पड़ता है।
किस क्षेत्र को कितना मिलता है पानी
गंगा जल सप्लाई की बात करें तो गाजियाबाद के प्रताप विहार में गंगाजल के दो प्लांट हैं। जिनसे गाजियाबाद और नोएडा के कई सेक्टर्स को गंगा जल सप्लाई किया जाता है। इनमें एक पानी के प्लांट की क्षमता 100 क्यूसेक है और दूसरे प्लांट की क्षमता 50 क्यूसेक है। 100 क्यूसेक वाले प्लांट से 80 क्यूसेक नोएडा को, 15 क्यूसेक इंदिरापुरम को और 5 क्यूसेक सिद्धार्थ विहार को गंगाजल मिलता है। जबकि 50 क्यूसेक प्लांट से 23 क्यूसेक वसुंधरा को, 20 नोएडा को और 7 क्यूसेक गंगाजल इंदिरापुरम को मिलता है।