Highlights
- लुलु मॉल के बाद अब प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर पढ़ी गई नमाज
- जीआरपी और आरपीएफ के सामने पढ़ी गई नमाज
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वीडियो
Namaz Controversy: सार्वजनिक जगहों पर नमाज का मामला है कि शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ कर कुछ लोगों ने पूरे प्रदेश में विवाद खड़ा कर दिया अब एक और वीडियो यूपी से ही वायरल हुआ है जिसमें कुछ लोग प्रयागराज जंक्शन पर नमाज पढ़ते नज़र आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार इन लोगों ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बने वेटिंग रूम में नमाज पढ़ी। नमाज के दौरान किसी ने वीडियो बना ली है और अब वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
पूरा मामला क्या है?
दरअसल, बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने आरपीएफ प्रयागराज को सूचना दी कि न्यू जलपाईगुड़ी से जा रही ट्रेन महानंदा एक्सप्रेस में कुछ नाबालिग बच्चे ले जाए जा रहे हैं और शक है कि उनकी ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है। सूचना मिलते ही आरपीएफ ने ट्रेन से 15 नाबालिग बच्चों समेत 6 और लोगों को ट्रेन से नीचे उतार दिया और उन्हें पूछताछ के लिए ले गई। इस दौरान उन्हें प्लेटफॉर्म नंबर एक के वेटिंग रूम में रखा गया। हालांकि शाम 7 बजे के करीब उन लोगों ने वहीं पब्लिक वेटिंग रूम में नमाज पढ़नी शुरू कर दी। हद तो तब हो गई जब मदरसे के शिक्षक अब्दुल रब और उसके साथ के लोगों को सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ते देख वहां खड़े सुरक्षाकर्मी मूक दर्शक बने रहे। जीआरपी और आरपीएफ के जवान और इंस्पेक्टर नमाज के दौरान वहीं मौजूद थे और उन्होंने उन लोगों को नहीं रोका।
बच्चों को नहीं पता वो कहां जा रहे हैं?
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अखिलेश मिश्रा औक सदस्य अकांक्षा सोनकर ने जब इस पूरे मामले में पूछताछ की और बच्चों से जानना चाहा कि वो लोग कहां जा रहे हैं तो बच्चों के पास कोई भी सटीक जवाब नहीं था। मदरसे के शिक्षक अब्दुल रब के साथ कुल 15 नाबालिग बच्चे थे, जिन्हें सुल्तानपुर घोष के जामिया दारे अकरम मोहम्मदपुर गौंती मदरसे ले जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि इन 15 में से 6 ऐसे भी बच्चे हैं जिन्हें मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था। इनमें ज्यादातर बच्चे बिहार के हैं। जिनकी उम्र 8 से 11 साल के करीब है।