फिल्में तो आप देखते ही होंगे। फिल्मों की कहानियों से लोग काफी कुछ सीखते हैं। कोई अच्छी चीजों को सीखता है तो कोई उस फिल्म में दिखाएं गए विलेन के रास्ते पर चलने लगता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां आरोपी ने एक व्यक्ति को मारकर खुद की मौत होने की साजिश रच डाली। आरोपी ने अपने जैसे ही दिखने वाले एक व्यक्ति की हत्या कर दी और अपना पहचान पत्र उसके शव के पास ही छोड़ दिया। ताकि पुलिस को लगे कि आरोपी की किसी ने हत्या कर दी है। हालांकि इस राज से पर्दा तब उटा जब पुलिस ने मुठभेड़ के बाद आरोपी फिरोज अहमद को गिरफ्तार कर लिया।
बार-बार पुलिस की छापेमारी और कार्रवाई से तंग आकर साजिश रची
SP सौरभ दीक्षित ने बताया कि बार-बार पुलिस की छापेमारी और कार्रवाई से तंग आकर, फिरोज ने नैनी सेंट्रल जेल में रहने के दौरान उन लोगों से छुटकारा पाने की साजिश रची थी जिन्होंने उसे जेल में बंद करवाया था। आरोपी ने अपनी कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए उसने चार लाख रुपये का कर्ज लिया था। करीब दो महीने पहले एक मामले में जमानत पर छूटने के बाद फिरोज ने अपने जैसे दिखने वाले व्यक्ति की तलाश शुरु कर दी। इसी दौरान वह बिहार के बक्सर जिले के एक युवक के संपर्क में आया।
सर और प्राइवेट पार्ट काटकर शरीर को जला दिया
आरोपी इलेक्ट्रीशियन का काम करता था। और आखिरकार उसकी तलाश पूरी हो ही गई। जिसके बाद उसने युवक को नौकरी का झांसा देकर अपने यहां बुला लिया। युवक की पहचान बिहार के सूरज गुप्ता के नाम से हुई है। आरोपी ने युवक को नौकरी के लिए शहर में ही रहने की सलाह दी। इसके बाद फिरोज ने गुप्ता को 17 अक्टूबर को मदार्पुर गांव के पास शराब और खाने के लिए एक होटल में बुलाया। जिसके बाद उसने अपने दो सहयोगियों के साथ युवक का गला घोंटकर हत्या कर दिया और उसका सर भी काट दिया। आरोपी यहां भी नहीं रुका उसने सूरज का प्राइवेट पार्ट भी काट दिया और पहचान छिपाने के लिए शरीर को आग लगा दिया। फिरोज ने अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी आधे जले हुए शरीर के पास छोड़ दिया ताकि यह खुद की मौत जैसा लगे।
ऐसे आया पुलिस की गिरफ्त में
उसने सोचा था कि गुप्ता की मौत से पुलिस उसके खिलाफ सभी मामले बंद कर देगी। SP ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को शव की जेब से कुछ फोन नंबर मिले। पुलिस ने इन नंबरों पर संपर्क किया तो पता चला कि मृतक बिहार का सूरज गुप्ता है। इसके बाद फिरोज को ढूंढ निकाला गया और गिरफ्तार कर लिया गया।