Highlights
- अयोध्या दौरे में योगी ने मठों, मंदिरों एवं धर्मार्थ संस्थाओं से नगर निगम को व्यावसायिक कर न लेने के दिशा-निर्देश दिये।
- योगी शुक्रवार रात्रि में देवी पाटन मंदिर में रात्रि विश्राम करेंगे और शनिवार को सिद्धार्थनगर के लिये रवाना होंगे।
- योगी आदित्यनाथ गोरखपुर की प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के महंत भी हैं और नवरात्र में वह कलश स्थापना के लिए गोरखपुर में रहते हैं।
अयोध्या/बलरामपुर/गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चैत्र नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले ही शुक्रवार को अयोध्या और बलरामपुर के धार्मिक स्थल पहुंचकर पूजा-अर्चना की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार अयोध्या पहुंचे योगी ने हिदायत दी कि मठों, मंदिरों एवं धर्मार्थ संस्थाओं से नगर निगम व्यावसायिक कर नहीं लें। चैत्र नवरात्र शनिवार से शुरू हो रहे हैं। सीएम बनने के बाद अपने पहले अयोध्या दौरे में योगी ने मठों, मंदिरों एवं धर्मार्थ संस्थाओं से नगर निगम को व्यावसायिक कर न लेने के दिशा-निर्देश दिये।
चैत्र नवरात्र में 9 दिन का उपवास रखेंगे योगी
योगी शुक्रवार को ही बलरामपुर भी पहुंचे और वहां उन्होंने पड़ोसी देश नेपाल की सीमा के समीप स्थित जनकपुर में नवनिर्मित मंदिर सिद्ध पीर रतन नाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्री मुक्तेश्वर नाथ महादेव मंदिर का लोकार्पण किया और पूजा अर्चना भी की। योगी शुक्रवार रात्रि में देवी पाटन मंदिर में रात्रि विश्राम करेंगे और शनिवार को सिद्धार्थनगर के लिये रवाना होंगे। गोरक्षपीठ के सूत्रों के मुताबिक, योगी चैत्र नवरात्र के दौरान 9 दिन का उपवास रखेंगे और राज्य व राष्ट्र में शांति, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजा करेंगे।
गोरखनाथ मंदिर में शुरू होगा दुर्गा सप्तशती पाठ
शनिवार को मां शैलपुत्री की पूजा के साथ ही गोरखनाथ मंदिर मठ के प्रथम तल स्थित शक्ति मंदिर में दुर्गा सप्तशती पाठ शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर की प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के महंत भी हैं और नवरात्र में वह कलश स्थापना के लिए गोरखपुर में रहते हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में रामलला मंदिर का दर्शन पूजन किया तथा हनुमान गढ़ी में भी जाकर पूजा अर्चना की।
‘मठों, मंदिरों से टोकन मनी के रूप में सहयोग लें’
अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में विभिन्न विभागों के साथ रामनवमी मेले की तैयारी की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि नगर निगम मठों, मंदिरों, धर्मशालाओं एवं धर्मार्थ से जुड़ी संस्थाओं से व्यावसायिक दर से गृहकर और जलकर न लें क्योंकि ये सभी संस्थाएं धर्मार्थ एवं जनसेवा का कार्य करती हैं और इनसे ‘टोकन मनी’ के रूप में सहयोग लें और यदि आवश्यक हो तो इसका प्रस्ताव बनाकर शीघ्र नगर विकास विभाग से अनुमोदन प्राप्त कर लें।
रामनवमी मेले में भाग ले सकते हैं 10 लाख भक्त
योगी ने कहा कि श्रीराम मंदिर भूमि पूजन और कोविड के बाद यह पहला रामनवमी मेला हो रहा है, इसलिए इसकी तैयारी भव्यता से करायें तथा अयोध्या को विश्व मानचित्र पर लाने के लिए विशेष प्रयास करें। उन्होंने निर्देश दिया कि शासन प्रशासन का कोई भी अधिकारी एवं अति विशिष्ट जन अष्टमी एवं नवमी को अयोध्या का भ्रमण न करें और यदि करें तो उन्हें सामान्य व्यवस्था ही प्रदान की जाय। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक रामनवमी पर अयोध्या में लगने वाले रामनवमी मेले में लगभग 10 लाख भक्तों के भाग लेने की संभावना है।