Highlights
- राजनीति में आगे बढ़ने के साथ-साथ विवादों ने भी मुलायम का साथ नहीं छोड़ा
- रेप पर बयान देकर विवादों में आए थे मुलायम सिंह
- अयोध्या में मुलायम के ही आदेश पर कारसेवकों पर गोलियां चलाई थी
Mulayam Singh Yadav: कुश्ती का माहिर खिलाड़ी कहें या राजनीति का धुरंधर नेता...मुलायम सिंह कुश्ती से लेकर राजनीति में हर जगह अपने दांव पेंच से विरोधियों को समय-समय पर पटखनी देते रहे लेकिन मौत के सामने मुलायम का सारा दांव फेल हो गया। वो करीब 18 दिनों तक गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मौत से लड़ते रहे लेकिन सोमवार सुबह वह लड़ाई हार गए। आज इटावा के सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलायम को मुखाग्नि दी। मुलायम की मौत के बाद पूरे देश में शोक की लहर है, उन्हें चाहने वाले और उनसे वैचारिक रुप से असहमति रखने वाले भी नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
राजनीतिक सफर
1967 से लेकर 1996 तक आठ बार मुलायम यूपी विधानसभा पहुंचने में सफल रहे और साल 1982से 1987 तक विधान परिषद के भी सदस्य रहे। 1996 से लेकर अबतक वो सात बार लोकसभा के भी सदस्य रहे। 1977 में पहली बार यूपी सरकार में मंत्री बने। लोकदल और जनता दल के अध्यक्ष बनने से लेकर देवगौड़ा सरकार में देश के रक्षामंत्री का पद संभाला। वो तीन अलग-अलग कार्यकाल में यूपी के मुख्यमंत्री बनने में भी सफल रहे। राजनीति में आगे बढ़ने के साथ-साथ विवादों ने भी उनका साथ नहीं छोड़ा। आज हम आपको कुछ विवादों के बारे में बताएंगे जिसके कारण मुलायम काफी चर्चा में रहें।
पहला विवाद
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुरादाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए मुलायम ने कहा था कि बलात्कार के केस में फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए। लड़को से गलती हो जाती है और साथ ही यह भी कहा था कि हमारी सरकार आई तो कानून को बदल देंगे। इस बयान के बाद मुलायम विरोधियों के निशाने पर आ गए और पूरे देश में इस बयान की आलोचना हुई।
दूसरा विवाद
2014 में मुलायम ने इस बात को स्वीकारा था कि 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में उनके ही आदेश पर कारसेवकों पर गोलियां चलाई थी। आपको बता दें उस गोलीकांड में 5 कारसेवकों की मौत हो गई। इस गोलीकांड के बाद मुलायम को मुल्ला मुलायम कहा जाने लगा और उसी घटना का परिणाम था कि अगले विधानसभा चुनावों में मुलायम सिंह हार गए।
तीसरा विवाद
1995 के जून महीने में मायावती ने मुलायम सरकार से समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद सपा के कार्यकर्ता आगबबूला होकर लखनऊ के एक गेस्ट हाउस में घुस गए जहां मायावती अपने विधायकों के साथ बैठक कर रहीं थी। जैसे तैसे कर मायावती को अपनी जान बचाने की खातिर खुद को कमरे में कैद करना पड़ा था। इस कांड के बाद मुलायम की चौतरफा आलोचना हुई और यह घटना मुलायम के राजनीतिक करियर पर धब्बे की तरह चिपक गई।
चौथा विवाद
लखनऊ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दुष्कर्म पर विवादित बयान दे डाला था। मुलायम ने कहा था, "दुष्कर्म एक करता है और चार का नाम लिख दिया जाता है, क्या ऐसा हो सकता है कि चार युवक एक महिला से रेप करें।" इसके बाद मुलायम फिर विपक्षियों के निशाने पर आ गए और उनपर महिला विरोधी होने का आरोप लगा।
पांचवां विवाद
यूपी का सैफई महोत्सव हर साल मुलायम के गांव में आयोजित होता था जिसमें मुलायम की राजनीतिक हैसियत के चलते नेता से लेकर बॉलीवुड के कई नामचीन कलाकार शामिल होते थे। मुलायम पर आरोप लगा कि इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए कई बार सरकारी मशीनरी और सरकारी खजाने का दुरूपयोग किया गया।