Mulayam singh yadav on Akhilesh: उत्तर प्रदेश में हुए हालिया विधानसभा चुनाव के बाद यूपी की सियासत में एक बार फिर सरगर्मी शुरू हो गई है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए अभी से यूपी में बीजेपी और समाजवादी पार्टी जुट गई है। सपा लोकसभा चुनाव को बीजेपी बनाम सपा बनाना चाहती है। इसके लिए उसने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। यह समझने के लिए आपको सपा संरक्षक मुलायम सिंह की उस बात को समझना होगा जो उन्होंने शुक्रवार शाम पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं से कही। मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहें।
मुलायम और अखिलेश एक मंच पर साथ नजर आए
यूपी चुनाव के बाद पहली बार मुलायम और अखिलेश एक मंच पर साथ नजर आए। पार्टी दफ्तर में मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहना होगा। हमारी लड़ाई भाजपा से है। इस बार भी मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही होना चाहिए।
सपा का ध्यान 2024 में वोट के ध्रुवीकरण पर
दरअसल, मुलायम सिंह चाहते हैं कि पार्टी कार्यकर्ता इस बात को समझें और जनता तक यह बात पहुंचाएं कि इस बार भी भाजपा का मुकाबला सिर्फ सपा ही कर सकती है। इसीलिए उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि सूबे में अब तीसरी कोई पार्टी नहीं है। मुलायम सिंह यादव के कार्यकर्ताओं को दिए गए इस मंत्र के पीछे की रणनीति साफ है।
अगर लोकसभा चुनाव में भी सपा यह समझाने में कामयाब हो जाती है कि भाजपा को सिर्फ वही कड़ी टक्कर दे रही है तो, विधानसभा चुनाव की तरह ही सपा के पक्ष में एक बड़े वोट बैंक का ध्रुवीकरण हो पाएगा। अखिलेश के साथ मंच पर आकर मुलायम ने भी संकेत देने की कोशिश की है कि वह शिवपाल से चल रहे विवाद में अखिलेश के साथ हैं।
मुस्लिम वोटर्स के साथ यादव वोट बैंक पर नजर
मुलायम और अखिलेश के साथ ही सपा सरंक्षक के पुराने साथी पूर्व मंत्री बलराम सिंह यादव भी मंच पर लंबे अरसे बाद एक साथ थे। इसे यादवों को जोड़ने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, चाचा शिवपाल लगातार आजम खान को लेकर अखिलेश और मुलायम पर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में मुलायम का अखिलेश के साथ मंच पर रहना सपा को मजबूती दे रहा है।सिर्फ यही नहीं, वह यह भी मैसेज देना चाहते हैं कि यादव वोट बैंक अपने नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के साथ है। वह यह भी जताना चाहते हैं कि शिवपाल के साथ मिलकर भी आजम खान सपा के इस समीकरण को नहीं तोड़ पाएंगे।
यूपी में अखिलेश VS योगी बनाने की कोशिश
मुलायम चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में मुकाबला विपक्ष VS मोदी के बजाय योगी हो। इसीलिए जिस कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी ने बुलडोजर बाबा की छवि बनाई है। उसी कानून व्यवस्था को हथियार बना कर अखिलेश योगी से मुकाबला करना चाहते हैं। पिछले एक महीने से अखिलेश यादव लगातार कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा रहे हैं।
मोदी की बजाय योगी पर फोकस
अखिलेश लगातार पीड़ितों के घर जाकर योगी पर निशाना साध रहे हैं। हाल में ही ललितपुर पहुंचे थे। इससे पहले थाने में ही सुसाइड करने वाली महिला दरोगा रश्मि यादव के परिवार से मिलने गए थे। सियासी जानकार भी मानते हैं कि अगर मुकाबला मोदी से होगा तो अखिलेश को मुश्किल हो सकती है। लिहाजा, अखिलेश योगी पर फोकस रखना चाहते हैं।
बसपा और कांग्रेस अभी रेस में नहीं
इसके पीछे वजह भी है। यूपी में बसपा और कांग्रेस मैदान में सक्रिय नहीं है। बसपा अभी अपना संगठन तक दुरुस्त नहीं कर पाई है। कांग्रेस तो अपना अध्यक्ष तक तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अखिलेश के पास खुला मैदान है, जिसमें वो भाजपा को अपनी पिच पर खड़ा कर दोनों के बीच मुकाबला दिखा सकते हैं।