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Mulayam Singh Yadav Funeral: पंचतत्व में विलीन हुए 'धरतीपुत्र' मुलायम सिंह..रो गई सैफई, बेटे अखिलेश ने दी मुखाग्नि

दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार मंगलवार को सैफई के मेला ग्राउंड में किया गया। मुखाग्नि देने से पहले अखिलेश यादव ने सिर पर सपा की लाल टोपी लगाई। अंतिम संस्कार के दौरान वहां मौजूद लोगों ने 'नेताजी-अमर रहें’ और 'मुलायम सिंह यादव-अमर रहें, अमर रहें'' के नारे लगाए।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Oct 11, 2022 16:47 IST, Updated : Dec 16, 2022 23:21 IST
Mulayam Singh Yadav
Image Source : PTI Mulayam Singh Yadav cremated in Saifai

Highlights

  • 'धरतीपुत्र' मुलायम का चंदन की लकड़ी से हुआ दाह संस्कार
  • मुलाय सिंह को बेटे अखिलेश यादव ने दी मुखाग्नि
  • सैफई में मुलायम के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

Mulayam Singh Yadav Funeral: सैफई की जन्मभूमि से पूरे देश की सियासत में सितारे की तरह चमके मुलायम सिंह यादव आज सैफई में ही पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनके अंतिम संस्कार में दल जाति संप्रदाय वर्ग की दीवारें टूट गईं और राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक की हस्तियां आज सैफई पहुंची। मुलायम की राजनीतिक विचारधारा के कितने भी विरोधी रहे हैं उनके राजनीतिक कौशल ने कभी किसी को दुश्मन नहीं बनने दिए। मुलायम की इस अदभुत काबिलियत का नजारा उनके अंतिम संस्कार में भी दिखाई दिया। धरतीपुत्र के नाम से विख्यात मुलायम सिंह ने अपने गांव में अंतिम संस्कार की इच्छा रही होगी इसलिए लाखों की भीड़ के बीच नेताजी के अंतिम संस्कार रीतिरिवाज से किया गया। मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर के पास सुबह से उनका पूरा परिवार मौजूद था। अपने मुखिया को आखिरी विदाई करते वक्त पूरे परिवार की आंखें नम थी।

सैफई में मुलायम के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन के लिए मंगलवार को लोग उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई स्थित उनके पैतृक गांव में बड़ी संख्‍या में पहुंचे। इस बीच, वहां रुक रुक बारिश होती रही। सपा के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाया गया और उनकी ‘कोठी’ में रखा गया, जहां हजारों लोग ‘नेता जी’ को अंतिम सम्मान देने के लिए पहुंचे।

People gather to pay tribute

Image Source : PTI
People gather to pay tribute

दूधिया सागर की तरह लग रहा था सैफई
यादव अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे। साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, एसयूवी और परिवहन के अन्य साधनों में सवार सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और लोग आस-पास के इलाकों से मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सैफई पहुंचे। पूरा सैफई मानो दूधिया सागर की तरह लग रहा था क्योंकि सफेद कपड़ों में वहां हर क्षेत्र से लोग पहुंचे थे और कई लोग अपनी-अपनी छतों पर थे। कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गए थे तो कुछ अपने प्रिय नेता ‘धरती पुत्र’ को ले जा रहे वाहन को छूने का प्रयास कर रहे थे।

People gather to pay tribute to the mortal remains of Mulayam Singh

Image Source : PTI
People gather to pay tribute to the mortal remains of Mulayam Singh

सैफई के मेला ग्राउंड में हुआ अंतिम संस्कार
मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार मंगलवार को सैफई के मेला ग्राउंड में दोपहर बाद हुआ। उनके अंतिम संस्कार को लेकर मंच तैयार करने के लिए यहां रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी के बीच कई लोग और मशीनें रात भर काम करती रहीं। मंच तैयार करने से पहले क्षेत्र में धातु के ढांचे की मदद से विशाल तिरपाल खड़ा कर पंडाल भी बनाया गया। मंच और पंडाल दोनों मेला ग्राउंड परिसर के अंदर बनाए गए हैं, जहां पांच साल पहले तक प्रसिद्ध वार्षिक सैफई महोत्सव आयोजित किया जाता था। मंच ईंट और सीमेंट से बना है और इसमें मिट्टी भरी हुई है और लगभग तीन फीट ऊंचा है। मंच यादव की पहली पत्नी मालती देवी के स्मारक के ठीक बगल में है, जिनका 2003 में निधन हो गया था।

Brajesh Pathak and Keshav Prasad Maurya offer condolences to Akhilesh Yadav

Image Source : PTI
Brajesh Pathak and Keshav Prasad Maurya offer condolences to Akhilesh Yadav

इटावा में स्वेच्छा से बंद रखे हैं स्कूल, बाजार
आवास से अंतेष्टि स्थल की लगभग एक किलोमीटर की दूरी के बीच नेताजी अमर रहे, जबतक सूरज चांद रहेगा मुलायम तेरा नाम रहेगा, नेताजी जिंदाबाद के गगनभेदी नारे लग रहे थे। अंत्येष्टि स्थल सैफई महोत्सव मैदान पर बने पंडाल में पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। अंतिम संस्कार को लेकर चिता में प्रयोग के लिए चंदन की लकड़ी, इत्र, खुशबू, सामग्री आदि को कन्नौज से लाया गया है। शोक में इटावा जिले के स्कूल, बाजार, प्रतिष्ठान व्यापारियों और संचालकों ने स्वेच्छा से बंद कर रखे हैं।

People gather to pay tribute to the mortal remains of Mulayam Singh

Image Source : PTI
People gather to pay tribute to the mortal remains of Mulayam Singh

10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए मुलायम
अपने समर्थकों के बीच हमेशा ‘‘नेता जी’’ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राज्य का सबसे प्रमुख सियासी कुनबा भी बनाया। यादव 10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए। वह तीन बार (वर्ष 1989-91,1993-95 और 2003-2007) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे। एक समय उन्हें प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा गया था। यादव के पुत्र और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी (2012-2017) तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

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