Highlights
- यूपी के बरेली में तौकीर रजा का बड़ा बयान
- प्रधानमंत्री मोदी को कलमा पढ़ने को कहा
- "हम इस हुकूमत को नहीं, UNO में ज्ञापन देंगे"
Maulana Tauqeer Raza: पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अभी थमे नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली में इस्लामिया ग्राउंड में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। रजा ने कहा कि हिंदुस्तानियों को आपस में मिलकर रहना चाहिए। मैं मोदी और अमित शाह को दावत देता हूं। इस्लाम को ईमानदारी से समझने की कोशिश करो।
"आओ नरेंद्र मोदी कलमा पढ़ो..."
तौकीर रजा ने कहा कि इस्लाम में कोई ऊंच-नीच नहीं, कोई छोटा-बड़ा नहीं है। इस्लाम ही दुनिया मे अमन कायम कर सकता है। आओ नरेंद्र मोदी कलमा पढ़ो, हम भी आपको सिर पर बैठा लेंगे। अल्लाह के सिवा हम किसी से नहीं डरते। हम इस हुकूमत को कोई ज्ञापन नही देंगे। क्योंकि इस हुकूमत ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। रजा ने आगे कहा कि इस बेईमान हुकूमत ने मुसलमानों के साथ क्या किया इसे दुनिया को बताएंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञापन देना होगा तो यूएनओ में देगें। हमारी बात इसलिए नहीं सुनी गई क्योंकि हम ट्रेन नहीं जला रहे। तौकीर रजा ने मंच से बोला कि लोग हमें घर वापसी करवाना चाहते हैं और हम कहते है कि नरेंद्र मोदी कलमा पढ़ लें और इधर आ जाएं। ऐसा माहौल हम पूरे देश में बनाएगे।
"योगी राजधर्म का पालन कर रहे"
बरेली में तौकीर रजा ने कहा कि नरेंद्र मोदी हमारे देश को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। हम ज्ञापन न तो जिला प्रशासन को देंगे न नरेंद्र मोदी को देंगे। जिला प्रशासन ने हमारी और हमने प्रशासन की मदद की है। मौलाना तौक़ीर रजा ने की योगी सरकार की तारीफ़ की है। उन्होंने कहा कि हमें नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा योगी राज नापसंद है लेकिन योगी राजधर्म का पालन कर रहे हैं। योगी ने अयोध्या में मुसलमानों को बदनाम करने वालों को जेल भेजा। योगी सरकार के इस कदम की हम तारीफ करते हैं। अमन के हर काम में हम आपके साथ हैं, और रहेंगे।
"नाम अग्निपथ रखा, तो आग तो लगनी ही थी"
तोकीर रजा ने कहा कि मैं अग्निपथ के खिलाफ नौजवानों का समर्थन करता हूं। जब नाम ही अग्निपथ रखा, तो आग तो लगनी ही थी। अब आप जितनी शांति से आये हैं, आपको उतनी ही शांति से वापस जाना है। तौकीर रजा ने मंच से कहा कि मोदी सरकार ने युवाओं को बर्बाद करने का ठेका ले रखा है। हम चाहते हैं इस योजना को वापस लिया जाए।