मथुरा (उप्र): उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक दिलचस्प खबर सामने आई है। मथुरा जेल के अधिकारियों ने जेल में बंद वाहन चोरों को मोटर/ऑटो मैकेनिक बनने के लिए प्रशिक्षित करने का फैसला किया है। मथुरा जेल प्रशासन ने इन विचाराधीन कैदियों को उनके दीर्घकालिक पुनर्वास और एकीकरण में सहयोग देने के लिए ऑटोमोबाइल मरम्मत में प्रशिक्षित करने के लिए एक NGO को शामिल किया है।
30 दिन की ट्रेनिंग के बाद मिलेगा सर्टिफिकेट
जेल से छूटने के बाद बंदियों को 30 दिन का कौशल आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे रोजगार हासिल कर सकें। कार्यक्रम के सफल समापन पर उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
युवाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य
मथुरा जेल अधीक्षक बृजेश सिंह ने कहा, इसका उद्देश्य इन युवाओं को प्रशिक्षित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। हमारे सुधार कार्यक्रम के तहत, कैदियों को विभिन्न प्रकार के रोजगार उन्मुख कौशल सिखाए जा रहे हैं। 30-दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल में, कैदियों को इंजन ओवरहालिंग, बाइक सर्विसिंग और अन्य सहित पूर्ण इंजन मरम्मत में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा।
कैदियों को मुहैया होती है अलग-अलग तरह की बाइक
अधिकारियों के मुताबिक, एनजीओ जेल प्रशासन को अलग-अलग तरह की बाइक मुहैया कराता है, ताकि कैदी इनका इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए कर सकें। सिंह ने कहा कि यह मॉड्यूल विशेष रूप से उन कैदियों के लिए है, जो बाइक चोरी के आरोप में जेल में बंद हैं।