लखनऊ: पॉक्सो अदालत ने मंगलवार को 8 साल पहले रिश्ते की पांच वर्षीय भांजी से बलात्कार और उसकी हत्या के जुर्म में एक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है। बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) से संबंधित अदालत के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने यहां मंगलवार को मोहम्मद आसिफ खान को मौत की सजा सुनाई, जिसने आठ साल पहले पांच साल की भांजी के साथ बलात्कार किया था और उसकी हत्या कर दी थी।
न्यायाधीश ने कहा कि दोषी की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए। हालांकि अदालत ने मृत्युदंड की सजा के आदेश को उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि कराने के लिए भेजा है। सजा की प्रक्रिया पूरी करने के पहले यह वैधानिक आवश्यकता है। अपने 83 पेज के फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि जिस तरह से अपराध किया गया यह मामला दुर्लभ से दुर्लभ श्रेणी में आता है।
अदालत ने कहा कि मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था और अभियोजन पक्ष अपने मामले को संदेह से परे साबित करने में सफल रहा। घटना की सूचना पीड़िता के नाना ने चार अप्रैल 2014 को लखनऊ के हसनगंज पुलिस को दी थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि बच्ची लापता है और इसकी सूचना पुलिस को भी 100 नंबर पर भी दी गई थी।
गवाहों के साक्ष्य से अदालत ने पाया कि लड़की को आखिरी बार आरोपी आसिफ खान के साथ आइसक्रीम लेते हुए देखा गया था। घटना की रात आरोपी बच्ची का शव परिवार के सामने अपने हाथों में लेकर आया था। उस समय बच्ची के हाथ बंधे हुए थे और दोनों हाथों की नसें कटी थीं। जांच के दौरान, आरोपी ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया था और बाद में उसकी निशानदेही पर खून से सना चाकू और स्लीपर बरामद किया गया था।
आरोपी को मौत की सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा, ‘‘मामले की प्राथमिकी किसी और ने नहीं बल्कि आरोपी के पिता ने दर्ज कराई थी और अपराध के तरीके से पता चलता है कि आरोपी शातिर मानसिकता का था जो समाज में रहने के लायक नहीं है।’’