Highlights
- 'भगवा आतंकवाद’ के झूठे मामलों में फंसाने के लिए गंदी राजनीतिक साजिश रची गई
- आरएसएस नेता ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को मांगनी चाहिए माफी
- इस मामले में अब तक 220 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है
साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एक गवाह ने कोर्ट को बताया कि ATS के द्वारा उसपर जबरन योगी आदित्यनाथ और आरएसएस नेताओं का नाम लेने का दबाव बनाया गया था। अब इस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने लगाया कि UPA सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें तथाकथित ‘भगवा आतंकवाद’ के झूठे मामलों में फंसाने के लिए गंदी राजनीतिक साजिश रची गई थी।
उन्होंने बीजेपी और आरएसएस नेताओं के चरित्र हनन के लिए कांग्रेस नेताओं- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद से माफीनामे की मांग की। कुमार की यह प्रतिक्रिया 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के एक गवाह के मुकर जाने और मुंबई की एक अदालत में यह गवाही देने के बाद आई है कि तत्कालीन वरिष्ठ एटीएस अधिकारी परम बीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के चार अन्य नेताओं का नाम लेने की धमकी दी थी।
धन की उगाही करने और अन्य मामलों का सामना कर रहे परमबीर सिंह को इसी महीने निलंबित कर दिया गया था। आरएसएस नेता ने एक ऑडियो संदेश में कहा, ‘गवाह के बयान ने साबित कर दिया है कि उस समय के कथित भगवा आतंकवाद के सभी (दर्ज) मामले कांग्रेस द्वारा अपनी गंदी राजनीति के तहत रची गई साजिश थी।’ कुमार ने अब विपक्ष में बैठे अन्य राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने भी ‘‘एक बड़ा पाप और अपराध’’ किया है, क्योंकि वे कांग्रेस और उसकी गठबंधन सरकार की ‘गंदी राजनीति और झूठी साजिश’ के साथ खड़े थे, ताकि तथाकथित भगवा आतंकी मामलों में भाजपा और आरएसएस के नेताओं को फंसाया जा सके।
अपने बयान में, गवाह ने दावा किया कि एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया और अपने कार्यालय में अवैध रूप से बैठाया। इस मामले में अब तक 220 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है और उनमें से 15 मुकर गए हैं। कुमार ने दावा किया कि तत्कालीन UPA सरकार ने तथाकथित भगवा आतंकी मामलों में बीजेपी और आरएसएस के नेताओं को घसीटने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन किसी भी प्राथमिकी में हमारे नाम नहीं जोड़ सकी, क्योंकि उनके पास कोई सबूत नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘मनमोहन सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री), कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पी चिदंबरम, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सलमान (खुर्शीद), दिग्विजय सिंह- इन सभी को इतना बड़ा पाप और अपराध करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।’ आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कुमार ने लोगों से ‘लोकतांत्रिक रूप से’ उन सभी दलों और नेताओं को सबक सिखाने की अपील की, जो ‘भगवा आतंकवाद के निर्माण’ में शामिल थे या ‘ऐसी अमानवीय राजनीति’ का समर्थन करते थे। मामले के आरोपियों में लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं। ये सभी जमानत पर बाहर हैं।