Highlights
- प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी जिसे नैक मूल्यांकन में A++ रेटिंग मिली
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दी विश्वविद्यालय परिवार और प्रदेशवासियों को बधाई
- NAAC की टीम ने 21 से 23 जुलाई तक किया था लखनऊ यूनिवर्सिटी का निरीक्षण
Lucknow University: उत्तर प्रदेश की राजधानी की लखनऊ यूनिवर्सिटी के लिए 26 जुलाई 2022 का दिन यादगार बन गया है। National Assessment and Accreditation Council (NAAC) मूल्यांकन में लखनऊ यूनिवर्सिटी को A++ रेटिंग मिली है। इसके नतीजे मंगलवार को जारी किए गए हैं। खास बात यह है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी है जिसे NAAC मूल्यांकन में यह रेटिंग मिली है। इससे पहले हाल ही में मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय को मूल्यांकन में ए ग्रेड मिला था। लखनऊ यूनिवर्सिटी की इस सफलता पर बधाइयों का तांता लग गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने NAAC द्वारा 'ए प्लस प्लस' रेटिंग दिए जाने पर लखनऊ यूनिवर्सिटी को बधाई दी है।
प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी जिसे नैक मूल्यांकन में A++ रेटिंग मिली
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, "राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में नित नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय को नैक इंडिया द्वारा A++ विश्वविद्यालय की रैंकिंग प्रदान की गई है।" उन्होंने इसी ट्वीट में कहा है, "यह रैंकिंग प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय बनने पर सभी को बधाई।"
राज्यपाल ने दी विश्वविद्यालय परिवार और प्रदेशवासियों को बधाई
इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय परिवार और प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा NAAC मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को ‘ए++’ श्रेणी प्राप्त होना निश्चय ही गर्व की बात है, क्योंकि नैक द्वारा भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षण कार्य के साथ-साथ समग्र व्यवस्थाओं का आकलन किया जाता है।
NAAC की टीम ने 21 से 23 जुलाई तक किया था निरीक्षण
बता दें कि NAAC की टीम ने गत 21 से 23 जुलाई तक लखनऊ यूनिवर्सिटी का निरीक्षण किया था और रेटिंग सोमवार को जारी की गई। लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इसे यूनिवर्सिटी के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास और तैयारियों का नतीजा बताया। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने 2014 में NAAC में बी ग्रेड प्राप्त किया था, जो 2019 में समाप्त हुआ था। इसके बाद कोविड और अन्य कारणों से विश्वविद्यालय दो साल इसके लिए आवेदन नहीं कर सका था।
NAAC वर्ष 1994 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के तहत स्थापित एक स्वायत्त संस्थान है। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा और उससे संबंधित कार्यप्रणाली की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना है।