नोएडा हवाई अड्डे के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश शासन को 1,365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की अनुमति देने के लिए पत्र लिखा है। शासन से अनुमति मिलते ही अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अब तक करीब 75 प्रतिशत से ज्यादा किसानों ने अधिग्रहण के लिए अपनी सहमति दे दी है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के लिए मानक के अनुसार किसानों की सहमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर अगले सप्ताह तक धारा 11 का प्रकाशन करा दिया जाएगा और जल्द से जल्द मुआवजा वितरण करके किसानों की अन्य समस्याओं का निपटारा किया जाएगा।
किसानों और प्राधिकरण के बीच क्या है गतिरोध?
जिला प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के बाद यमुना प्राधिकरण हवाई अड्डे पर काम शुरू करवाएगा। हालांकि, अधिग्रहण के क्षेत्र में आने वाले गांवों को कहां पर विस्थापित किया जाए, इसे लेकर किसानों और प्राधिकरण के बीच गतिरोध है। अधिकारियों के मुताबिक, दूसरे चरण में अधिग्रहित की गई जमीन पर जहाजों की मरम्मत और सामान लाने ले जाने के लिए कार्गो बनाया जाएगा।
इस चरण में इन गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित
इस चरण में रण्हेरा, कुरैब, नगला हुकम सिंह, नगला शरीफ, मुडहर, बीरमपुर और दयानतपुर गांव की जमीन अधिग्रहित होगी। नोएडा हवाई अड्डे के लिए पहले चरण के जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। इसके तहत सात गांव के 3,075 किसान परिवारों को जेवर बांगर में बसाया गया है।