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लखीमपुर खीरी मामला: आशीष मिश्रा को जमानत मिलेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, उस समय किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके में दौरे का विरोध कर रहे थे।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 25, 2023 6:22 IST
लखीमपुर खीरी मामला- India TV Hindi
Image Source : FILE लखीमपुर खीरी मामला

सुप्रीम कोर्ट 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ 25 जनवरी को फैसला सुनाएगी। शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी को मिश्रा की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

'जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा'

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने प्रस्तुत किया था कि यह एक गंभीर और जघन्य अपराध था और जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। जमानत याचिका का विरोध करने वालों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा, यह एक साजिश और एक सुनियोजित हत्या है। मैं इसे चार्जशीट से दिखाऊंगा। वह एक शक्तिशाली व्यक्ति का बेटा है, जिसका प्रतिनिधित्व एक शक्तिशाली वकील कर रहा है।

आशीष मिश्रा

Image Source : FILE
आशीष मिश्रा

शिकायतकर्ता जगजीत सिंह कोई चश्मदीद गवाह नहीं - मुकुल रोहतगी 

वहीं आरोपी आशीष मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दवे की दलील का कड़ा विरोध करते हुए कहा, यह क्या है? कौन शक्तिशाली है? हम हर दिन पेश हो रहे हैं। क्या यह जमानत नहीं देने की शर्त हो सकती है? उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल एक वर्ष से अधिक समय से हिरासत में है और जिस तरह से जांच चल रही है, उसे पूरा होने में सात से आठ साल लगेंगे। उन्होंने कहा कि मामले में शिकायतकर्ता जगजीत सिंह कोई चश्मदीद गवाह नहीं है और उनकी शिकायत सिर्फ सुनी-सुनाई पर आधारित है।

रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल अपराधी नहीं है और उसका कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं है- जगजीत सिंह शिकायतकर्ता हैं और वह चश्मदीद गवाह नहीं हैं। मैं हैरान हूं कि जब आरोपी कह रहे हैं कि हमने लोगों को बेरहमी से कुचला, तो एक ऐसे व्यक्ति के बयान पर एफआईआर दर्ज की जाती है जो चश्मदीद नहीं है?

लखीमपुर हिंसा में हुई थी 8 लोगों की मौत 

बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, उस समय किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके में दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के मुताबिक, चार किसानों को एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठा था। इस घटना के बाद गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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