Friday, November 22, 2024
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Kanpur Violence: पश्चिम बंगाल और मणिपुर से जुड़े हैं कानपुर हिंसा के तार, व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए रची गई साजिश, PFI से जुड़ी 4 संस्थाओं के मिले दस्तावेज

Kanpur Violence: कानपुर के बेकनगंज इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के पीछे चरमपंथी संगठन PFI का नाम सामने आ रहा है। यही नहीं इस हिंसा के तार पश्चिम बंगाल और मणिपुर से भी जुड़ रहे हैं।

Written by: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: June 05, 2022 13:37 IST
Kanpur Violence- India TV Hindi
Image Source : PTI Kanpur Violence

Highlights

  • पश्चिम बंगाल और मणिपुर से मिला कानपुर दंगे का कनेक्शन
  • हिंसा के पीछे चरमपंथी संगठन PFI का भी हाथ
  • शनिवार शाम पेशी के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को भेजा जेल

Kanpur Violence:  कानपुर के बेकनगंज इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के पीछे चरमपंथी संगठन PFI का नाम सामने आ रहा है। यही नहीं इस हिंसा के तार पश्चिम बंगाल और मणिपुर से भी जुड़ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक PFI ने 3 जून को पश्चिम बंगाल और मणिपुर में बाजार बंद का आह्वान किया और उसी दिन कानपुर में जुमे की नमाज के बाद बाजार बंद कराने पर हिंसा भड़क गई। कानपुर हिंसा में कई नेता जांच के दायरे में हैं। पुलिस घटना के 24 घंटे पहले तक की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। मुख्य आरोपियों के बैंक खातों के ट्रांजैक्शन की भी जांच की जा रही है। आरोपियों से मिले कुछ अहम दस्तावेजों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। PFI से जुड़ी 4 संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं। व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए साजिश रची गई। 

SIT करेगी मामले की जांच

कानुपर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा कि स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) गठित हुई है, जो मामले की जांच करेगी। साथ ही एक और टीम गठित गई है जो इस मामले को लेकर जितनी भी कार्रवाई हो रही है और मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं उसे देखेगी। ये दोनों टीमें तय करेंगी की किस प्रकार आगे की कार्रवाई होगी। 

 हयात की बहन ने कहा पुलिस ने मेरे भाई को फंसाया है

कानपुर दंगा मामले में पुलिस ने 6 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इन मोबाइल फोन में साजिश के सबूत मिल सकते हैं। पुलिस इसकी जांच में लगी है। इसी बीच शांति के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है। वहीं मुख्य आरोपी हयात की बहन ने कहा कि पुलिस ने मेरे भाई को फंसाया है। पुलिस पर ही सवाल उठाए और बताया कि धारा 307 किस आधार पर लगाई है। 

कोर्ट में पेशी के बाद सभी आरोपियों को हुई जेल

शनिवार शाम पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। पुलिस 14 दिन की रिमांड चाहती थी, लेकिन कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेज दिया। हिंसा वाले इलाके के दो किमी दायरे में 1100 जवानों की तैनाती की गई है। जानकारी के मुताबिक हिंसा से पहले मौलानाओं की बैठक हुई थी। इन मौलानाओं ने बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की थी। इस बैठक में हयात जफर हाशमी भी मौजूद था जो एम एम एस जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है।

गंभीर धाराओं में केस दर्ज 

कानपुर हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज कर 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बेगनगंज थाने में कुल तीन एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में जौहर फैंस एसोसिएशन के हयात ज़फ़र हाशमी, एहतशाम कबाड़ी, जीशान, आकिब, निज़ाम, अज़ीज़ुर, आमिर जावेद व इमरान काले समेत 40 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। हत्या के प्रयास,  सीएलए (7 लॉ क्रिमिनल एमेंडमेंट एक्ट), बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को STF ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। 

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