Highlights
- 3 साल के भीतर इन बैंक अकाउंट्स से करोड़ों रुपये की ट्रांजैक्शंस की गई थीं।
- इनमें से एक बैंक अकाउंट में अभी भी 1.27 करोड़ रुपये बचे हुए हैं।
- पुलिस इस मामले में विदेशी फंडिंग की गहराई से जांच कर रही है।
Kanpur Violence: उत्तर प्रदेश के कानपुर में 3 जून को जुमे के दिन हुए दंगे में अब विदेशी फंडिंग का एंगल सामने आया है। सूत्रों की माने तो दंगे आरोपों में गिरफ्तार हयात जफर हाशमी की संस्था को ये पैसे विदेशों से भेजे गए थे और 3 बैंक अकाउंट्स के जरिए करोड़ों की लेनदेन की की गई थी। ये तीनों ही अकाउंट्स 2019 में खोले गए थे और फिर करीब 3 साल के भीतर इनके जरिए करोडों रुपये के ट्रांजैक्शन किए गए। एक खाते में अभी भी 1.27 करोड़ रुपये बचे हैं, जबकि बाकी के 2 खातों में सिर्फ 11 लाख रुपये बचे हुए हैं।
PFI सदस्यों के अकाउंट्स की भी होगी जांच
कानपुर हिंसा मामले में गिरफ्तार पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ‘PFI’ के 3 सदस्यों के बैंक खातों की भी जांच होगी। मामले में गिरफ्तार उमर, नसीम अहमद और सैफुल्लाह के बैंक खातों की जांच करेगी। पुलिस को इस मामले में भी विदेशी फंडिंग का शक है। ये तीनों ही शख्स कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के संपर्क में थे। पुलिस की नजर इस बात पर है कि क्या इनके खातों में भारत के बाहर से पैसा आता था, और यदि आता था तो कहां से आता था। उमर, नसीम अहमद और सैफुल्लाह इससे पहले दिसंबर 2020 में CAA के विरोध में हुई हिंसा के मामले में भी जेल भेजे गए थे।
अब तक 54 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें कि कानपुर हिंसा के मामले में अब तक 54 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। बुधवार को कानपुर दंगे की जांच के लिए SIT और फॉरेन्सिक टीम मौके पर पहुंची थी। टीम ने क्राइम सीन को रीक्रिएट किया और फोटोग्राफी के साथ पूरे इलाके का मुआयना किया। फॉरेंसिंक टीम ने दादा मियां, नई सड़क और चंद्रेश्वर हाता का दौरा किया। बताया जा रहा है कि फॉरेंसिक टीम को अब कुछ इलाकों से टूटे हुए सीसीटीवी कैमरे, कई जगह पथराव के निशान, कुछ जगह पत्थर भी मिले हैं। 3 जून को नई सड़क, यमीमखाना, चंद्रेश्वर हाते के आसपास पथराव हुआ था।