Highlights
- पुलिस को कानपुर हिंसा मामले में विदेशी फंडिंग का शक है।
- PFI के तीनों सदस्यों के सोर्स ऑफ मोटिवेशन का भी पुलिस पता लगा रही है।
- पुलिस की जांच टीम ने बुधवार को क्राइम सीन को रीक्रिएट किया।
Kanpur Violence: कानपुर हिंसा के मामले में गिरफ्तार पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया ‘PFI’ के 3 सदस्यों के बैंक खातों की जांच होगी। उत्तर प्रदेश पुलिस कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) के मामले में गिरफ्तार उमर, नसीम अहमद और सैफुल्लाह के बैंक खातों की जांच करेगी। बता दें कि पुलिस को इस मामले में विदेशी फंडिंग का शक है। ये तीनों ही शख्स कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के संपर्क में थे। पुलिस की नजर इस बात पर है कि क्या इनके खातों में भारत के बाहर से पैसा आता था, और यदि आता था तो कहां से आता था।
CAA विरोधी हिंसा में भी भेजे गए थे जेल
उमर, नसीम अहमद और सैफुल्लाह इससे पहले दिसंबर 2020 में CAA के विरोध में हुई हिंसा के मामले में भी जेल भेजे गए थे। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन तीनों को मोटिवेशन कहां से मिलता था। बता दें कि जफर हाशमी की संस्था को काफी पैसे भेजे गए थे। हाशमी की संस्था का खाता 2019 में एक प्राइवेट बैंक में खोला गया था। 30 जुलाई 2019 को 3 करोड़ 54 लाख रुपये जमा किए गए थे। सितंबर 2021 में खाते से 98 लाख रुपये एक साथ निकाले गए थे। खाते से कई बार ट्रांजैक्शन हुआ था, और इस अकाउंट में अभी भी 1.27 करोड़ रुपये मौजूद हैं।
अब तक 54 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
कानपुर हिंसा के मामले में अब तक 54 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बुधवार को कानपुर दंगे की जांच के लिए SIT और फॉरेन्सिक टीम मौके पर पहुंची थी। जांच टीम ने क्राइम सीन को रीक्रिएट किया और फोटोग्राफी के साथ पूरे इलाके का मुआयना किया। फॉरेंसिंक टीम ने दादा मियां, नई सड़क और चंद्रेश्वर हाता का दौरा किया। बताया जा रहा है कि फॉरेंसिक टीम को अब कुछ इलाकों से टूटे हुए सीसीटीवी कैमरे, कई जगह पथराव के निशान, कुछ जगह पत्थर भी मिले हैं। 3 जून को नई सड़क, यमीमखाना, चंद्रेश्वर हाते के आसपास पथराव हुआ था।