उत्तर प्रदेश: कानपुर पुलिस आयुक्तालय अब जुलाई 2020 के बिकरू नरसंहार की जांच करेगा। बता दें कि घटना में डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी सहित आठ पुलिसवाले मारे गए थे। अभी तक मामले की जांच एडीजी कानपुर भानु भास्कर कर रहे थे। कमिश्नरेट का नया ढांचा बनने के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर अब संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी इस घटना की जांच करेंगे।
आपको बता दें कि 3 जुलाई, 2020 को बिकरू गांव में कथित गैंगस्टर विकास दुबे के घर छापेमारी के लिए गई एक पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने हमला किया था। इस घटना में बिल्हौर के तत्कालीन सर्कल अधिकारी देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसवाले मारे गए थे। हालांकि, बाद में पुलिस ने मुठभेड़ों में विकास के गैंग के पांच कथित सहयोगियों को मार गिराया था।
बिकरू कांड मामले में 46 आरोपी जेल में बंद हैं
बता दें कि मामले में करीब 46 आरोपी अभी जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हथियार बरामद किए थे और बाद में उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए थे। अभी तक इन सभी मामलों की जांच एडीजी कानपुर कर रहे थे। कमिश्नरेट बनने के बाद भी एडीजी द्वारा जांच की जा रही थी, क्योंकि घटना चौबेपुर थाना क्षेत्र की सीमा के अंतर्गत हुई थी, जो कानपुर बाहरी का एक हिस्सा है।कमिश्नरेट और आउटर के विलय के बाद अब बिकरू कांड की जांच कमिश्नरेट पुलिस को सौंप दी गई है।
दूसरे जिलों में भी होगी बिकरू कांड से संबंधित मामलों की निगरानी
एडीजी भास्कर ने बताया कि शासन के निर्देश पर बिकरू कांड की जांच कमिश्नरेट पुलिस को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी सीपी के हवाले कर दिए जाएंगे। पुलिस कमिश्नर बी.पी. जोगदंड ने बताया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त(Joint commissioner of police) आनंद प्रकाश तिवारी को बिकरू कांड का निगरानी अधिकारी बनाया गया है। पुलिस कमिश्नर जोगदंड ने कहा कि वह दूसरे जिलों में भी बिकरू कांड से संबंधित मामलों की निगरानी करेंगे।