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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा, मदरसों के सर्वेक्षण से पहले मुस्लिम समुदाय को भरोसे में लिया जाना चाहिए था

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने आरोप लगाया कि विभाजनकारी ताकतों द्वारा मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published : Sep 13, 2022 20:41 IST, Updated : Sep 13, 2022 20:41 IST
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Image Source : PTI जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी

Highlights

  • मौलाना मदनी ने कहा कि हम मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाते हैं।
  • हमारे कुरान और हदीस में आतंकवाद नहीं सिखाया जाता है: मदनी
  • बाकी के गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों का सर्वे क्यों नहीं: मदनी

Madrasa Survey News: उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वेक्षण की तैयारी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कई मुस्लिम संगठन और नेता इस सर्वे के विरोध में आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस बीच प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मंगलवार को कहा कि यह कदम उठाने से पहले मुस्लिम समुदाय को भरोसे में लिया जाना चाहिए था। जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में यह सवाल भी किया कि मदरसों के अलावा उन शिक्षण संस्थानों का सर्वे क्यों नहीं किया जा रहा है जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं।

‘पहले ही बता देते तो दिक्कत नहीं होती’

मदनी ने आरोप लगाया कि विभाजनकारी ताकतों द्वारा मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है और इस तरह की मानसिकता की वजह से मुसलमानों की जेहन में चिंता है। उन्होंने कहा, ‘सर्वे के ऐलान से पहले मुस्लिम समुदाय और संगठनों को भरोसे में लिया जाना चाहिए था। यह बता दिया जाता कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं है। अगर हमें यह बता दिया जाता कि सरकार यह जानना चाहती है कि कितने ऐसे मदरसे हैं जो बोर्ड से संबद्ध नहीं हैं, बच्चे क्या पढ़ रहे हैं, मदरसे की जमीन किन लोगों की है तो कोई दिक्कत नहीं थी।’

‘मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाते हैं’
मदनी ने कहा, ‘सरकार इन तमाम चीजों के बारे में मालूम करे तो इसमें कोई ऐतराज नहीं है। पहले दिलों को संतुष्ट करना चाहिए।’ मदरसों में आतंकवाद सिखाए जाने के आरोपों पर मदनी ने हाल ही में कहा था, ‘हम मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाते हैं। हमारे कुरान और हदीस में कोई आतंकवाद नहीं सिखाया जाता है। मदरसों में आतंकवाद से संबंधित कुछ नहीं सिखाया जाता है। मदरसों में दीन पढ़ाया और सिखाया जाता है। मदरसों में पढ़ने वालों ने अगर मुल्क के खिलाफ कोई कदम उठाया हो तो हमें बताएं।’

उत्तर प्रदेश में 16 हजार नीति मदरसे
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 31 अगस्त को राज्य में संचालित सभी गैर मान्यता प्राप्त निजी मदरसों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। इसके लिए 10 सितंबर तक टीम गठित करने का काम खत्म कर लिया गया है। आदेश के मुताबिक 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया है। प्रदेश में इस वक्त लगभग 16 हजार निजी मदरसे हैं जिनमें प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद भी शामिल हैं। राज्य सरकार के फैसले के बाद अब इनका भी सर्वे किया जाएगा।

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