Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. उत्तर प्रदेश
  4. कोर्ट की अवमानना में जज ने सुनाई डिप्टी कमिश्नर को 7 दिन कैद की सजा, जानें पूरा मामला

कोर्ट की अवमानना में जज ने सुनाई डिप्टी कमिश्नर को 7 दिन कैद की सजा, जानें पूरा मामला

High Court sent Deputy Commissioner to Jail: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अदालत के आदेश को हल्‍के में लेने वाले अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए आयकर विभाग के उपायुक्त हरीश गिडवानी को अवमानना मामले में सात दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 16, 2022 23:32 IST, Updated : Dec 18, 2022 16:33 IST
लखनऊ हाईकोर्ट (फाइल)
Image Source : PTI लखनऊ हाईकोर्ट (फाइल)

High Court sent Deputy Commissioner to Jail: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अदालत के आदेश को हल्‍के में लेने वाले अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए आयकर विभाग के उपायुक्त हरीश गिडवानी को अवमानना मामले में सात दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से अन्य अधिकारियों में भी खलबली मच गई है। अक्सर अधिकारी कोर्ट के आदेश में हीलाहवाली करते हैं और दांव-पेंच करके मामले को लटकाने के माहिर हो जाते हैं। मगर कोर्ट का यह फैसला उन तमाम अधिकारियों के लिए नजीर बन गया है, जो जानबूझकर अदालत की अवमानना करते हैं।

डिप्टी कमिश्नर को 7 दिनों की जेल भेजे जाने का यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने प्रशांत चंद्रा की ओर से दायर एक अवमानना याचिका पर पारित किया। पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि वह (गिडवानी) 22 दिसंबर को अपराह्न तीन बजे अदालत के वरिष्ठ रजिस्ट्रार के समझ पेश हों, जहां से उन्हें सजा काटने के लिए जेल भेज दिया जायेगा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यदि अवमानना करने वाले इस वरिष्ठ अधिकारी को दंडित न किया गया तो दूसरे अफसरों में गलत संदेश जाएगा और वे (अधिकारी) मान लेंगे कि अवमानना किया तो क्या होगा, अधिक से अधिक अदालत चेतावनी देगी या जुर्माना लगा देगी।

यह था मामला

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उसे लखनऊ में आयकर विभाग ने वर्ष 2011-12 के लिए करीब 52 लाख रुपये का मूल्‍यांकन नोटिस भेजा था, जबकि उन्होंने अपना आयकर दिल्‍ली से भरा था। उनकी याचिका पर उच्‍च न्‍यायालय ने 31 मार्च 2015 को उक्त नोटिस और उसके अनुक्रम में पारित अन्य आदेश रद्द कर दिये। याची ने आरोप लगाया कि उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के बावजूद आयकर विभाग की वेबसाइट पर यह बकाया नोटिस सात महीने तक उपलब्ध रहा, जिस कारण उसके सम्मान पर काफी चोट लगी। याची के इस आरोप पर आयकर विभाग के अधिवक्ता मनीष मिश्रा ने अपने जवाब में माना कि बकाया नोटिस को वेबसाइट से सात माह बाद हटाया गया था। इस पर पीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि प्रस्तुत मामले में गिडवानी की जो भूमिका रही उससे साफ है कि उन्होंने आदेश के बावजूद याची को परेशान करने की नीयत से बकाया नोटिस वेबसाइट से नहीं हटाया, अतः इस मामले में केवल जुर्माना ही काफी नहीं है।

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement