Highlights
- जेल से आई सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल
- मुस्लिम बंदियों के साथ हिंदू बंदी रख रहे रोजा
- 15 हिंदू कैदी सुबह सेहरी और शाम को करते हैं इफ्तार
लखनऊ। बाराबंकी जिला कारागार में सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम बंदियों के साथ 15 हिंदू बंदी भी रोजा रख रहे हैं। खास बात ये है कि इसमें जेल प्रशासन भी उनकी मदद कर रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर बाराबंकी जेल में बंद 15 हिंदू कैदी रोजाना सुबह सेहरी और शाम के इफ्तार में शामिल हो रहे हैं और मुस्लिम कैदियों के साथ रोजा रख रहे हैं।
रोजा रखने वाले मुस्लिम बंदियों के साथ तड़के सुबह तीन बजे उठकर कुछ हिंदू बंदी भी सेहरी करते हैं। जेल प्रशासन भी इसमें उनकी मदद कर रहा है और इन कैदियों को सेहरी और इफ्तार के लिए खजूर, दूध जैसे सभी जरूरत के सामान दिए जा रहे हैं। जेल में कुल एक हजार कैदी हैं। जेल प्रशासन की ओर से रोजा रखने वाले बंदियों को इफ्तार के समय खजूर, दूध, चाय समेत सभी जरूरी चीजें दी जा रही हैं। इसके अलावा जो बंदी जायकेदार व्यंजन खाना चाहते हैं, उन्हें व्यंजन भी उपलब्ध कराया जाता है।
रमजान के महीने में हिंदू कैदी भी मुस्लिम कैदियों की तरह दिनभर रोजा रखते हैं और उनके साथ तड़के सुबह तीन बजे उठकर सेहरी करते हैं। जिला कारागार के जेलर आलोक शुक्ला ने बताया कि जेल में इस तरह मुस्लिम-हिंदू भाईचारा देखकर हमें खुशी होती है। उन्होंने कहा कि करीब 250 बंदी इस साल रोजा रख रहे हैं, जिसमें 15 हिंदू बंदी भी शामिल हैं और इन सभी के लिये एक वक्त के भोजन की व्यवस्था की गई है।