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UP निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- 'प्रदेश में बिना OBC आरक्षण के तुरंत कराए जाएं इलेक्शन'

निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार के द्वारा जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को ख़ारिज करते हुए कहा कि प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के जल्द ही चुनाव संपन्न कराए जाएं।

Reported By : Vishal Pratap Singh Written By : Sudhanshu Gaur Updated on: December 27, 2022 14:24 IST
UP में निकाय चुनाव का रास्ता साफ़- India TV Hindi
Image Source : FILE UP में निकाय चुनाव का रास्ता साफ़

उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब प्रदेश में निकाय चुनाव जल्द ही कराए जा सकेंगे। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना प्रदेश में निकाय चुनाव संपन्न कराए जाएं। यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला अपनाए। इस 'ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला' के तहत राज्य सरकार कमीशन बनाए जो पिछड़ा वर्ग पर रिपोर्ट दे। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति देखी जाए और रिपोर्ट के आधार पर तय हो कि आरक्षण की जरूरत है या नहीं?

सरकार ने 5 दिसंबर को जारी किया था ड्राफ्ट 

लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार द्वारा 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को ख़ारिज करते हुए कहा कि निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही संपन्न कराए जाएं। यह निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ पारित किया है।  

ओबीसी आरक्षित सभी सीटें हो जाएंगी जनरल 

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद ओबीसी जातिवर्ग के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल मानी जाएंगी। अर्थात अब इन सीटों पर कोई भी व्यक्ति अपनी दावेदारी ठोकते हुए चुनाव लड़ सकता है। हालांकि कोर्ट ने एससी और एसटी आरक्षक के साथ चुनाव कराने की बात कही है। अब कोर्ट के इस फैसले के बाद संभावना है कि जनवरी में चुनाव हो सकते हैं। हालांकि अगर राज्य सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती है, तब ही ऐसा संभव होगा।

पिछड़े वर्ग के हितों से नहीं करेंगे समझौता - केपी मौर्या 

वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"

 

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