Highlights
- कुरैशी की फैक्ट्री से पकड़ा गया था 5 करोड़ रुपये कीमत का अवैध मांस
- कुरैशी, उनकी पत्नी और दोनों बेटों समेत 17 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था
- इसी मामले में हाजी याकूब कुरैशी और उनके दोनों बेटे फरार हैं
Haji Yakub Qureshi News: मेरठ जिला प्रशासन ने एक मुकदमे में फरार उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (BSP) के वरिष्ठ नेता हाजी याकूब कुरैशी की 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति बुधवार को कुर्क कर ली। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) केशव कुमार ने यहां बताया कि पिछली 31 मार्च को हापुड़ रोड स्थित कुरैशी की फैक्ट्री अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड में पुलिस-प्रशासन व कई अन्य विभागों की संयुक्त कार्रवाई में करीब 5 करोड़ रुपये कीमत का अवैध मांस पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अवैध तरीके से मांस की पैकिंग करते 10 कर्मचारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
कुरैशी और उनके दोनों बेटे फरार
उन्होंने बताया कि इस मुकदमे में याकूब कुरैशी, उनकी पत्नी संजीदा बेगम, बेटे इमरान और फिरोज समेत 17 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था। उन्होंने बताया कि कुरैशी के घर पर कुर्की वारंट चस्पा किया गया था, जिसमें आदेश दिया था कि कुरेशी अपने परिवार के साथ कोर्ट में पेश हो जाएं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने बताया कि इसी मामले में हाजी याकूब कुरैशी और उनके दोनों बेटे फरार हैं। कुमार ने बताया कि पुलिस प्रशासन की टीम ने बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री कुरैशी की कोठी और फैक्ट्री पर कुर्की की कार्रवाई शुरू की। उन्होंने बताया कि इस दौरान 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति पुलिस ने कुर्क कर ली है।
मीट फैक्ट्री और 6 बैंक अकाउंट हुए थे सीज
इससे पहले अप्रैल में पुलिस प्रशासन ने हाजी याकूब के परिजन समेत फैक्ट्री के 6 बैंक अकाउंट सीज किए थे। पुलिस ने याकूब की मीट फैक्ट्री अल फहीम के संबंध में एक और मुकदमा दर्ज किया था। जांच के दौरान 6 बैंक अकाउंट को सीज किया, इनमें कुल अमाउंट लगभग 68 लाख रुपये बताए गए थे। पुलिस ने याकूब की मीट फैक्ट्री और दोनों बेटों के बैंक खाते सीज कर दिए थे।
याकूब कुरैशी का अस्पताल भी हुआ था सील
इससे पहले हाजी याकूब कुरैशी के अस्पताल को भी पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराए जाने के आरोप में सील कर दिया गया था। पूर्व मंत्री कुरैशी के अस्पताल का पंजीकरण 2019 से नवीनीकृत नहीं कराया गया था। इस संबंध में उन्हें तीन बार नोटिस भी भेजे गए थे, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया, लिहाजा यह कार्रवाई की गई थी।