Highlights
- वाराणसी जिला कोर्ट में होनी है सुनवाई
- कार्बन डेटिंग पर वादी पक्ष ही आमने-सामने आ गए थे
- 'कार्बन डेटिंग से शिवलिंग खंडित होने का आशंका'
Gyanvapi Case: वाराणसी जिले के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई, गहराई, उम्र और आसपास की क्षेत्र की कार्बन डेटिंग या अन्य आधुनिक तरीके से जांच होनी चाहिए या नहीं, इस मामले पर जिला जज की कोर्ट का आदेश आ सकता है। जिला जज की कोर्ट में ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण की याचिका पर आज सुनवाई हो रही है।
कार्बन डेटिंग पर वादी पक्ष में ही हुई थी बहस
पिछली सुनवाई 29 सितंबर को हुई थी । इस सुनवाई में कार्बन डेटिंग पर वादी पक्ष ही आमने-सामने आ गए थे। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में 4 महिला वादियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने मांग की है कि शिवलिंग के नीचे अरघे और आसपास की जांच कराई जाए।
'कार्बन डेटिंग से शिवलिंग खंडित होने का आशंका'
उन्होंने यह भी कहा था कि यह काम शिवलिंग को छेड़छाड़ किए बिना होना चाहिए, यह चाहे कार्बन डेटिंग से हो या किसी अन्य तरीके से किया जाए। वहीं वादी राखी सिंह के अधिवक्ता ने कार्बन डेटिंग से शिवलिंग के खंडित होने का आशंका जताया था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने पत्थर और लकड़ी की कार्बन डेटिंग नहीं होने का हवाला दिया था। इस मामले में बहस पूरी होने के बाद जिला जज ने 7 अक्टूबर यानी आज की तारीख आदेश के लिए तय की थी। ऐसे में आज जिला जज की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है।
किरन सिंह और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर नहीं हुई सुनवाई
ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने और शिवलिंग के पूजा पाठ की दो अलग-अलग पेटिशन पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी थी। कोर्ट में छुट्टी होने के कारण इस मामले में भी आज यानी शुक्रवार को सुनवाई संभव है। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी और संघ की महामंत्री किरण सिंह की ओर दायर याचिका में ज्ञानवापी परिसर को मंदिर का हिस्सा बताते हुए हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन की मांग की गई है। सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की कोर्ट में इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होनी थी।
दूसरे मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन कुमदलता त्रिपाठी की कोर्ट में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आवेदन पर सुनवाई होनी थी। इसमें उन्होंने शिवलिंग के पूजन और भोग की मांग की है। इस मामले में कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी। दोनों ही मामलों में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।