Highlights
- कांग्रेस नेता और ऑल इंडिया अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के संस्थापक मोहम्मद शोएब का बयान
- 'ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर मूर्तियां हैं तो उसे खुशी से हिंदू भाइयों को देना चाहिए'
- कहा- जहां पर मूर्तियां हों या तस्वीर हो, वहां पर नमाज अदा नहीं की जा सकती
Gyanvapi Case: यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद जारी है। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में शिवलिंग मिलने का दावा किया, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने ज्ञानवापी सर्वे प्रकरण को साजिश बताया।
इस मामले में अब कांग्रेस नेता और ऑल इंडिया अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के संस्थापक मोहम्मद शोएब का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'अगर वास्तव में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर मूर्तियां स्थापित हैं तो उस स्थान को खुशी-खुशी हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए। जहां पर मूर्तियां हों या किसी प्रकार की तस्वीर लगी हो, वहां पर नमाज अदा नहीं की जा सकती।'
शोएब ने कहा, 'चैनलों पर चल रही डिबेटों से कहीं देश का माहौल ना बिगड़ जाए। ये 2024 की तैयारी चल रही है, जिससे ज्ञानवापी को फिर से बाबरी मस्जिद वाला स्वरूप दिया गया है।'
वहां पर हम मुसलमानों की कोई भी नमाज कुबूल नहीं होगी: मोहम्मद शोएब
उन्होंने कहा, 'मैं मुसलमान भाइयों से अपील करता हूं कि अगर वास्तव में ज्ञानवापी के अंदर मूर्तियां हैं तो वहां पर हम मुसलमानों की कोई भी नमाज कुबूल नहीं होगी। यह मुसलमानों का अकीदा है कि जहां पर कोई जानदार चीज की तस्वीर हो या मूर्ति हो, वहां पर नमाज अदा नहीं की जा सकती।'
देश का माहौल सही रहे और बाबरी मस्जिद वाला बवाल पैदा ना हो: मोहम्मद शोएब
उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि देश का माहौल सही रहे और बाबरी मस्जिद वाला बवाल पैदा ना हो।' उन्होंने हिंदुओं से अपील करते हुए कहा कि ज्ञानवापी के अंदर इतने लंबे समय से नमाज हो रही है, तो इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है। साल 1991 में सुप्रीम कोर्ट और पार्लियामेंट द्वारा एक कानून बनाया गया था कि 47 वाली यथास्थिति रखी जाए, उस हिसाब से ये तो भारतीय संविधान का उल्लंघन है और हाईकर्ट इस पर स्टे भी दे चुकी है। ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वहां हालात काबू में रखे जाएं।'
उन्होंने कहा, 'अब माहौल बहुत ज्यादा खराब कर दिया गया है। कोई कहता है कि शिवलिंग निकला है, कोई कहता है कि फब्बारा निकला है, इस मामले को तूल दिया जा रहा है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि जब तक कोर्ट का फैसला ना आ जाए, तब तक कोई ऐसे बयान ना दिए जाएं, जिससे आपस में नफरत पैदा हो।' (रिपोर्ट: प्रदीप)