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GIS 2023: युवाओं के लिए रोजगार कर रहा इंतजार, योगी आदित्यनाथ बोले- नहीं जाना होगा दूसरे शहर

राज्य में इस साल हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राज्य में लाखों करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। यह निवेश राज्य में रोजगार के कई नए अवसरों को खोलेगा। सोमवार के दिन योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में कहा कि लाखों युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश में नौकरियां इंतजार कर रही हैं।

Edited By: Avinash Rai
Published on: February 06, 2023 16:15 IST
GIS 2023 jobs are waiting for youth in uttar pradesh Yogi Adityanath said National Education Policy - India TV Hindi
Image Source : PTI ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर बोले योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा यूपी के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। यहां के युवाओं को अब रोजगार के लिए अलग अलग शहरों में भागने की आवश्यकता नहीं होगी। राज्य में इस साल हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राज्य में लाखों करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। यह निवेश राज्य में रोजगार के कई नए अवसरों को खोलेगा। सोमवार के दिन योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में कहा कि लाखों युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश में नौकरियां इंतजार कर रही हैं। 

दीक्षांत समारोह में शामिल हुए योगी आदित्यनाथ

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के नौजवानों के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हम केवल डिग्री तक सिमट के ना रहें। हमें बहुआयामी सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।  मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थाओं को आह्वान किया कि वो अपने-अपने भौगोलिक क्षेत्र का सामाजिक, आर्थिक और परंपराओं से जुड़ी गतिविधियों पर रिसर्च जरूर करें। इससे विकास कार्यों को और भी ज्यादा गति मिलेगी। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ जीएलए यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षण संस्थाओं को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी अपने पाठ्यक्रम में देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि युवाओं और छात्रों से जुड़ी योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। अगर कोई छात्र स्टार्टअप स्थापित करना चाहता है तो उसे पीएम मुद्रा योजना और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में शिक्षण संस्थानों के लेवल पर ही जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने पीएम इंटर्नशिप, सीएम इंटर्नशिप और अभ्युदय जैसी योजनाओं के बारे में भी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। योगी ने कहा कि दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी और पैकेजिंग पर ध्यान देना होगा। 

योगी बोले- छात्रों को करें तैयार

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने अगर यूपी में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र पर पहले ही ध्यान दिया होता तो आज प्रदेश टेक्निकल स्किल का हब होता। सीएम ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बताया कि प्रदेश में एमएसएमई का सबसे बड़ा बेस मौजूद है। यूपी में आज एक लाख साठ हजार करोड़ का एक्सपोर्ट प्रतिवर्ष हो रहा है। इस क्षेत्र में स्टार्टअप की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 25 सेक्टर में होने जा रहा अभूतपूर्व निवेश युवाओं के लिए लाखों की संख्या में रोजगार का सृजन करेगा। ऐसे में सभी शिक्षण संस्थाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने विद्यार्थियों को इसके लिए तैयार करें। इंडस्ट्री की क्या डिमांड है इसकी स्टडी कराते हुए अपने छात्रों को तैयार करें।

उन्होंने राम मनोहर लोहिया का जिक्र करते हुए कहा प्रख्यात समाजवादी चिंतक भगवान कृष्ण, राम और शिव को भारत के लोकजीवन के तीन आधारभूत स्तंभ मानते थे। कृष्ण ने भारत को पूरब से पश्चिम को जोड़ा, राम ने उत्तर से दक्षिण को और देशभर में विराजमान भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों से ही इस देश की सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमा का निर्धारण होता है। मुख्यमंत्री ने तैत्तिरीयोपनिषद का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों के लिए 'सत्यं वद, धमर्ं चर' के मार्ग का अनुसरण करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि हम सत्य का आचरण अपने जीवन में कैसे कर सकते हैं। व्यक्ति का कोई भी वाक्य तब प्रभावशाली बनता है, जब उसके आचार विचार में समन्वय होता है। जब व्यक्ति बोलता कुछ और करता कुछ है तब उसकी विश्वसनीयता संकट में होती है और जिसका स्वयं पर विश्वास न हो, उसपर समाज, देश और दुनिया क्या विश्वास करेगी। इसलिए सत्य बोलना और धर्म का आचरण करना बहुत जरूरी है। 

हमने सबको जोड़ने का किया कार्य

उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषियों ने धर्म को कभी उपासना विधि के साथ जोड़कर नहीं देखा। हमने आस्था को कभी किसी पर थोपने का प्रयास नहीं किया। हमने सबको जोड़ने का कार्य किया। हमारा बोध वाक्य यही था कि ज्ञान के लिए सभी दिशाओं को खुला रखो, जहां से भी प्राप्त हो सके ग्रहण करो। हमने कभी नहीं कहा कि हमारे अमुक ग्रंथ में ही दुनिया का सारा ज्ञान भरा है। दीक्षांत समारोह के दौरान 47 छात्रों को पीएचडी, 561 को परास्नातक और 2085 छात्रों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गयी।

(इनपुट-आईएएनएस)

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