Highlights
- गोरखपुर के रेती स्थित कालीबाड़ी मंदिर में अनोखी शादी
- रीति-रिवाज के साथ दूल्हा-दुल्हन बने मेंढक-मेंढकी, हुई शादी
- मेंढक और मेंढकी की तरफ से मेहमान भी शामिल हुए
Frog Marriage: क्या आपने कभी मेंढक और मेंढकी की रीति-रिवाज और मंत्रोच्चारण के साथ शादी होते देखी है? सुनने में ये बात थोड़ा अजीब लग सकती है लेकिन यूपी के गोरखपुर में एक मेंढक और मेंढकी को पूरे विधि-विधान के साथ दूल्हा और दुल्हन बनाया गया है और फिर उनकी शादी की गई। ये मामला गोरखपुर के रेती स्थित कालीबाड़ी मंदिर का है, जहां विश्व हिंदू महासंघ के लोगों ने मेंढक और मेंढकी की शादी करवाई है। इस शादी में मेंढक और मेंढकी की तरफ से मेहमान भी शामिल किए गए और मेंढक-मेंढकी को हल्दी-चंदन भी लगाया गया। इसके बाद मंत्रों के साथ उनकी शादी की गई।
क्या है इस प्रथा के पीछे की वजह
यूपी और बिहार में कई जगहों पर बारिश नहीं हो रही है। ऐसे में ये टोटका है कि अगर मेंढक-मेंढकी की पूरे रीति-रिवाज के साथ शादी करवाई जाए तो इलाके में बारिश होती है। इस टोटके को किसान काफी मानते हैं क्योंकि बारिश ना होने पर सबसे ज्यादा नुकसान भी उन्हें ही होता है। इसके अलावा कई तरह के और टोटके भी हैं, जिन्हें स्थानीय लोगों द्वारा इंद्रदेव और वरुण देव को खुश करने के लिए किया जाता है।
कालीबाड़ी मंदिर में मेंढक-मेंढकी की हुई शादी
गोरखपुर के कालीबाड़ी मंदिर में मेंढक-मेंढकी की शादी इंद्रदेव को खुश करने के लिए की गई थी। दरअसल पूर्वी यूपी में बारिश नहीं हो रही है, जिसकी वजह से यहां के किसान परेशान हैं। ट्यबूबेल से सिंचाई करना हर किसान के लिए संभव नहीं है क्योंकि इसमें खर्चा ज्यादा आता है। इसीलिए किसानों ने इस टोटके को अपनाया है। अब देखना ये होगा कि उनके इस टोटके से बारिश होती है या नहीं।
मेंढक-मेंढकी की ही शादी क्यों?
कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि मेंढक और मेंढकी की शादी ही क्यों इस टोटके में की जाती है! दरअसल ये प्रथा है कि मेंढक मानसून के दौरान बाहर निकलता है और मेंढकी को आकर्षित करने के लिए आवाजें निकालता है। इसीलिए अगर इनकी शादी करवा दी जाए और वो मिलन के लिए तैयार हो जाएं तो इंद्रदेव खुश होते हैं। हालांकि इंडिया टीवी इन दावों की पुष्टि नहीं करता। ये स्थानीय लोगों का विश्वास है, जिसके लिए वह ये टोटका करते हैं।