Highlights
- फिरोजाबाद में 35 साल से कैद में थी महिला
- घरवालों ने जंजीरों से बांध कर कमरे में रखा था
- बेहद दयनीय और गंदगी से लदी हालत में थी महिला
Firozabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। फिरोजाबाद से एक ऐसी महिला को रेस्क्यू किया गया है जो करीब 36 साल से कैद में थी। जिस जगह वह कैद में रखी गई थी वह कोई जेल या कारागार नहीं बिल्क एक घर था। जानकारी मिली है कि फिरोजाबाद की रहने वाली एक 53 साल की महिला को रेस्क्यू कर बचाया गया है। फिलहाल महिला को आगरा के मानसिक चिकित्सा संस्थान में ले जाया गया है।
परिवार वाले मान रहे थे मानसिक रूप से बीमार
फिरोजाबाद में कैद से छुड़ाई गई महिला के बारे में आगरा मानसिक संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश राठौर ने बताया कि महिला को 36 साल तक उसके परिवार ने एक कमरे में जंजीरों में जकड़ कर रखा था। परिवार का मानना था कि महिला मानसिक रूप से बीमार है। डॉ दिनेश राठौर ने बताया कि हमने महिला को बहुत खराब हालत में पाया। उसने पूरी तरह से गंदगी से भरे गंदे कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने बताया कि एनजीओ के सदस्यों ने उसे नहलाया और कुछ साफ कपड़े दिलवाए। डॉ दिनेश राठौर ने बताया कि महिला के मेडिकल टेस्ट किए जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वह शायद कुछ हफ्तों में ठीक हो जाएगी।
जंजीरों में ही बीत गई सारी जवानी
ये जाककर ही दिल दहल जाता है कि एक लड़की जिसे 18 साल की उम्र में एक कमरे में कैद कर दिया गया हो, वो सीधा अपनी उम्र के 53वें साल में आजाद कराई गई। महिला के परिजनों ने बताया कि महिला की मानसिक हालत खराब होने के कारण उसे जंजीर से बांध कर रखा जाता था। केवल दैनिक क्रिया के समय उसकी जंजीर खोली जाती थी और उसके तुरंत बाद में फिर बांध दिया जाता था। जानकारी मिली कि दो दिन पहले ही एक सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने उसे छुड़ाकर आगरा के मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत में सुधार दिखा है।
हाथरस की विधायक के प्रयास से हुई मुक्त
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के टूंडला थाना क्षेत्र के मोहम्मदाबाद गांव में 35 साल से अपने ही घर में कैद एक महिला को हाथरस से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक अंजुला माहौर की पहल पर मुक्त कराया गया। माहौर ने बताया कि 53 साल की सपना को लगभग 35 साल पहले उसके पिता ने मानसिक हालत ठीक नहीं होने के चलते घर में शोर मचाने के कारण एक छोटे से कमरे में बेड़ियों से जकड़कर रख दिया था। उसे वहीं पर खाना-पानी उपलब्ध करा दिया जाता था। माहौर ने बताया कि उन्हें लगभग एक माह पहले मातृ सेवा भारती संस्था की निर्मला सिंह से इस महिला की दयनीय हालत के बारे में पता चला। विधायक के मुताबिक, इसके बाद उन्होंने महिला के भाइयों से बात कर उन्हें अपनी बहन का इलाज करवाने के लिए राजी किया। हालांकि, इस मामले में पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी।