Highlights
- यूपी के अपराधियों में योगी के बुलडोजर का खौफ
- पुलिस के आगे आत्मसमर्पण करने को लाइन में लगे
- 15 दिनों में 50 से अधिक अपराधियों ने किया सरेंडर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की सत्ता में वापसी के दो सप्ताह के भीतर ही 50 से अधिक अपराधियों ने बुलडोजर के डर से खुद को पुलिस के हवाले कर दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को इस आशय की जानकारी दी। गौरतलब है कि हाल ही संपन्न विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान ‘बुलडोजर’ शब्द का उपयोग बार-बार राज्य में अपराधियों और अपराध के खिलाफ योगी सरकार के कड़े रवैये के रूप में हुआ।
वहीं, चुनाव में बहुमत से भाजपा को जीत मिलने के बाद योगी के समर्थकों ने उन्हें ‘बुलडोजर बाबा’ का नया नाम दिया। अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो और तस्वीरों में देखा जा सकता है, "कई फरार अपराधियों ने गले में तख्तियां लटका कर आत्मसमर्पण किया हैं, जिनपर लिखा है, 'मैं आत्मसमर्पण कर रहा हूं कृपया गोली ना चलायें' और यह हिस्ट्री शीटर अपराधियों में डर को दिखाता है।"
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को बताया कि पिछले 15 दिनों में 50 से अधिक अपराधियों ने न केवल आत्मसमर्पण किया है बल्कि अपराध से दूर रहने का संकल्प भी लिया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गए, जबकि कई अन्य को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक बुलडोजर की मदद से अतिक्रमण हटाने का काम जारी है।
बता दें कि अपराधियों द्वारा गैर-कानूनी तरीके से अर्जित संपत्तियों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बुलडोजर का इस्तेमाल आदित्यनाथ सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में राज्य में 'अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस' वाले दृष्टिकोण के रूप में किया गया था। अपने चुनावी भाषणों में, आदित्यनाथ ने कहा था कि ‘बुलडोजर मरम्मत और रखरखाव के लिए गए हैं, 10 मार्च को परिणामों की घोषणा के बाद फिर से काम पर लगेंगे।’
एडीजी कुमार ने बताया कि अपहरण और रंगदारी के कई मामलों के आरोपी कट्टर अपराधी गौतम सिंह ने 15 मार्च को गोंडा जिले के छपला थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। डर से ही सहारनपुर के एक थाने में करीब दो दर्जन अपराधी कभी अपराध न करने का वादा करके आत्मसर्मपण करने के लिए लाइन में लग गए। वहीं, देवबंद में चार शराब तस्करों के आत्मसमर्पण करने की सूचना है और शामली में भी कई अपराधियों के मामले में ऐसा हुआ है।
एडीजी ने जानकारी दी कि पिछले हफ्ते प्रतापगढ़ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आयी है, जहां बलात्कार के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी के घर के बाहर पुलिस द्वारा बुलडोजर खड़े किए जाने पर उसने आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी ने चार दिन पहले रेलवे स्टेशन के पास एक शौचालय में महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार किया था।
जिला प्रशासन ने औरैया जिले के एक बाजार में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई दुकानों को सोमवार को हटा दिया। कुछ दिन पहले प्रशासन ने होली की पूर्व संध्या पर मैनपुरी में जबरन कब्जा की गई जमीन पर लगी दुकानों को हटा दिया था। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि अपराधियों और माफियाओं के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाने का स्पष्ट निर्देश है।