कानपुर: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला जेल में बंद कानपुर के सीसामऊ क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के परिजनों और उनके वकील ने शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सीएम योगी और सूबे के आला अधिकारी निष्पक्ष काम करते हैं और जाति एवं पंथ के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी को न्याय दिलाते हैं। हालांकि, उन्होंने निचली रैंक के पुलिसकर्मियों और जेल प्रशासन पर विधायक सोलंकी और उनके भाई रिजवान को झूठे मामलों में फंसाने और जेल में कोई सुविधा नहीं देने का आरोप लगाया।
‘FIR कराने वालों का खुद आपराधिक इतिहास रहा है’
इरफान सोलंकी के वकील गौरव दीक्षित ने दावा किया कि हाल के दिनों में कथित जमीन हड़पने और जबरन वसूली के आरोप में जो FIR अकील खान, मोहम्मद नसीम आरिफ और विमल कुमार ने दर्ज कराई थी, उन लोगों का खुद का आपराधिक इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की तहरीर पर मामला दर्ज करना साफ तौर पर पुलिस-अपराधियों की सांठगांठ को दर्शाता है। वकील ने आरोप लगाया कि निचले रैंक के अधिकारी अपराधियों के साथ मिले हुए हैं और जानबूझ कर उच्चाधिकारियों को गुमराह कर विधायक के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है।
‘नजीर फातिमा ने की थी 15 लाख रुपये की उगाही’
इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने आरोप लगाया कि सपा विधायक और उनके भाई रिजवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाली नजीर फातिमा ने कुछ महीने पहले उनसे 15 लाख रुपये की उगाही की थी। रिजवान ने कथित तौर पर पिछले साल जुलाई में अपने बैंक खाते में चेक के माध्यम से 3 लाख रुपये और 12 लाख रुपये कैश दिये थे। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि विशेष जांच दल (SIT) द्वारा जांच की जा रही 52 शिकायतों में कोई सच्चाई नहीं पाई गई, जिसके बाद शीर्ष अधिकारियों ने सपा विधायक और उनके भाई के खिलाफ कोई और FIR दर्ज नहीं करने का निर्देश दिया।
सौदेबाजी की खबरों को सोलंकी के परिवार ने किया खारिज
यह पूछे जाने पर कि ऐसी चर्चा है कि सोलंकी के परिवार के साथ एक सौदा हुआ है कि अगर वे मुख्यमंत्री और पुलिस अफसरों की तारीफ करते हैं तो कोई और मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, इस सवाल के जवाब में नसीम सोलंकी ने ऐसे दावों को खारिज किया। कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक सोलंकी 2 दिसंबर से जेल में हैं, जब उन्होंने अपने छोटे भाई रिजवान के साथ जमीन से जुड़े एक विवाद मामले में दंगा और आगजनी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस आयुक्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। विधायक पर 11 नवंबर को दिल्ली से मुंबई जाने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करने का भी आरोप है।
इरफान सोलंकी के खिलाफ दर्ज हो चुके हैं 18 मामले
वहीं, एक पखवाड़े पहले कानपुर पुलिस ने सपा विधायक और उनके भाई के खिलाफ यूपी गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लगाया था। जांच में पाया गया कि सपा विधायक ने कथित तौर पर एक गिरोह बनाया था जिसमें जेल में बंद उनका भाई रिजवान, जेल में बंद बिल्डर शौकत अली और कुख्यात अपराधी इजरायल उर्फ आटे वाले और मोहम्मद शरीफ मुख्य रूप से जमीन हड़पने और जबरन वसूली में शामिल थे। जेल में बंद विधायक के खिलाफ 2 महीने से भी कम समय में दर्ज मुकदमों की संख्या 8 पहुंच गई है और अब तक उनके खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हो चुके हैं। (भाषा)