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लखीमपुर खीरी में नकली केमिकल फर्टिलाइजर बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़

लखीमपुर खीरी के डीएम ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फैक्ट्री के मालिक लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते पाए गए।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: November 12, 2022 14:25 IST
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Image Source : PIXABAY प्रतीकात्मक तस्वीर।

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बनाने वाली एक निजी फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली केमिकल फर्टिलाइजर (खाद) बनाते हुए पाया गया है। लखीमपुर के जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया में सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त निजी फैक्ट्री ‘गोविन्द इंडस्ट्रीज’ पर शुक्रवार की दोपहर छापेमारी की गयी। अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री के मालिक लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते पाए गए।

छापे के दौरान मिले कई ब्रांड के खाली बोरे

लखीमपुर खीरी जिले के राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित गोविंद इंडस्ट्रीज के परिसरों में शुक्रवार को छापेमारी करने वाली टीम में SDM लखीमपुर श्रृद्धा सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संदीप सिंह और जिला कृषि अधिकारी (DAO) अरविंद कुमार चौधरी शामिल थे, जिन्होंने पैकिंग और सिलाई मशीन, कृभको, इफको, पारस आदि के ब्रांड नाम वाले ताजा खाली बोरे बरामद किए। जिला कृषि अधिकारी (DAO) अरविंद कुमार चौधरी ने कहा, ‘गोविंद इंडस्ट्रीज को केवल सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया था, न कि रासायनिक उर्वरकों को बेचने के लिए।’

कई लोगों को हिरासत में लिया गया
चौधरी ने कहा, ‘इसके गोदाम से रासायनिक उर्वरकों की बरामदगी लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।’ उन्होंने बताया कि खाद की अनलोडिंग और पैकिंग में लगे कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि, फैक्ट्री के मालिक ऋतिक गुप्ता को पकड़ा नहीं जा सका है। प्रतिष्ठित कंपनियों, पैकिंग सामग्री, रैपर और सिलाई मशीनों के नाम वाले खाली बैग की बरामदगी से संकेत मिलता है कि लाइसेंसधारक नकली केमिकल फर्टिलाइजर के निर्माण और उन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों के ब्रांड नाम के तहत बेचने में लगा हुआ था।

‘मालिकों के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई’
जिलाधिकारी (DM) महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि फैक्ट्री उर्वरक नियंत्रण आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन कर रही है और मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। DM ने कहा कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए SDM, DSP और जिला कृषि अधिकारी को फैक्ट्री के औचक निरीक्षण के लिए भेजा गया था। DM ने कहा कि फैक्ट्री के दरवाजे पर एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक फैक्ट्री बंद करने की सूचना दी गयी थी।

‘बोरो के अलावा रेत, नमक आदि बरामद किया’
DM ने कहा, ‘हालांकि, जब छापेमारी करने वाली टीम परिसर में दाखिल हुई, तो कई लोग डीएपी और पोटाश उर्वरकों की पैकिंग में लगे हुए पाए गए। अधिकारियों ने वहां भारी मात्रा में डीएपी, एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, विभिन्न प्रतिष्ठित ब्रांडों के बोरो के अलावा रेत, नमक आदि बरामद किया। इस संबंध में गहन जांच शुरू की गई थी और बरामद उर्वरकों के नमूने आगे के प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं।’

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