Thursday, November 21, 2024
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सपा हिंदुओं की भावनाओं को कर रही आहत, रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद का बयान उनका नहीं बल्कि अखिलेश का', जानिए क्या बोले केशव प्रसाद मौर्य

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता के इस बयान से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। रामायण को लेकर इस तरह की भाषा का कोई औचित्य नही है। ऐसे बयान से करोड़ो की भावनाएं आहत हुई हैं।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Sudhanshu Gaur Updated on: January 24, 2023 16:06 IST
सपा हिंदुओं की भावनाओं को कर रही आहत - केशव प्रसाद - India TV Hindi
Image Source : SCREENSHOT सपा हिंदुओं की भावनाओं को कर रही आहत - केशव प्रसाद

रामचरित मानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि रामायण पर स्वामी प्रसाद का बयान उनका नहीं बल्कि अखिलेश यादव का है। उन्होंने कहा कि इस बयान से राज्य का माहौल ख़राब करने की कोशिश की गई है। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बताएं कि इस पर उनकी क्या राय है। वो बयान के समर्थन में है या विरोध में हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता के इस बयान से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। रामायण को लेकर इस तरह की भाषा का कोई औचित्य नही है। ऐसे बयान से करोड़ो की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने इस बयान के बाद विरोध क्यों नही किया?

'यह प्रदेश का माहौल ख़राब करने की साजिश'

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा का ऐसा ही इतिहास रहा है। उनकी सरकार में राम भक्तों को जेल में डाला गया,राम भक्तों पर गोली चलाई, राम भक्तों के खून से सरयू को लाल किया गया। उन्होंने कहा कि जो काम बिहार में लालू यादव की पार्टी कर रही है वो सपा यहां कर रही है। उन्होंने कहा कि जो बयान रामचरितमानस की चौपाइयों के लिए दिया गया उसपर अखिलेश यादव की चुप्पी सवाल खड़ा करता है। अखिलेश अपने को राम का वंशज बताते हैं और फिर ऐसे बयान देते हैं। यह प्रदेश का माहौल ख़राब करने की साजिश है। 

क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने ?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामायण पर सरकार को रोक लगा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रामायण में दलितों और पिछड़ों का अपमान किया गया है। मौर्य ने कहा कि अगर सरकार इस ग्रंथ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है तो उन श्लोकों, दोहों और चौपाइयों को हटाया जाना चाहिए, जिनसे दलित समाज का अपमान होता है। उन्होंने कहा था कि  तुलसीदास द्वारा रचित रामायण में कई जगहों पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जिससे दलित समाज की भावनाएं आहत होती हैं। 

'स्त्रियों और शूद्रों को पढ़ने का अधिकार अंग्रेजों ने दिया' 

उन्होंने कहा कि जब तुलसीदास ने रामायण लिखी तो उसमें कहा गया कि नारी और शूद्रों को पढ़ने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। स्त्रियों और शूद्रों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजी हुकूमत ने दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे जिन लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं वो न हों। 

 

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