कांग्रेस पार्टी की जमीनी स्तर पर राजनीतिक सिंचाई करने के लिए राहुल गांधी खूब हल चला रहे हैं, लेकिन पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और पदाधिकारी भयानक सूखे में बर्बाद हुई फसल की तरह साथ छोड़ते जा रहे हैं। यूं तो कांग्रेस ने लोकतांत्रिक तरीके से मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी पार्टी का मुखिया नियुक्त किया है, लेकिन खरगे के आने से कांग्रेस में ना तो कोई बदलाव दिख रहा ना ही पार्टी को कोई बूस्टर डोज मिली है। खबर है कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र में कांग्रेस के पदाधिकारियों समेत 52 लोगों ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
पदाधिकारियों समेत 52 नेताओं का त्यागपत्र
जहां एक ओर राहुल गांधी 'राजनीति से रिस रही कांग्रेस' को फिर से 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' बनाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के अधिकतर नेता और कार्यकर्ता आलाकमान से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक नाराज चल रहे हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के कांग्रेस के पदाधिकारियों समेत 52 लोगों ने एक साथ पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य सी बी मिश्रा ने जिले के बैरिया में मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके सहित कांग्रेस के 52 पदाधिकारियों ने बुधवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस में लगातार हो रही उपेक्षा
मिश्रा ने अपने इस फैसले की जानकारी बुधवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को दे दी है। इस्तीफा देने वालों में कांग्रेस के जिला सचिव द्वय रंजीत पाठक व रजनीकांत तिवारी, पार्टी के मुरली छपरा ब्लाक के अध्यक्ष डा विश्वकर्मा शर्मा, बैरिया के नगर अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह शामिल हैं। मिश्रा ने बताया कि सेंट्रल बैंक के रीजनल मैनेजर पद से सेवानिवृत्त होने के बाद हमने दस साल पहले कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में समर्पित व निष्ठावान लोगों की लगातार उपेक्षा की जा रही है।
सोनिया, राहुल मे भी नहीं सुनी बात
मिश्रा ने दावा किया कि हमने सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी तक अपनी बात को रखा, लेकिन हमारी बातों को लगातार अनसुना किया गया। ऐसी स्थिति में त्यागपत्र देने का फैसला लिया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय ने मीडिया को बताया कि लोकतंत्र में किसी को कोई कदम उठाने से रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के त्यागपत्र दे देने से दल की स्थिति पर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है।